चमोली के धार्मिक, प्राकृतिक पर्यटन स्थल (ETV Bharat Graphics)
पुष्कर सिंह रावत
चमोली: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के समापन के साथ ही चारधाम के शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पूजा अर्चना शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शीतकालीन यात्रा को लेकर व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जा रही हैं. राज्य के सभी जनपदों में बड़ी संख्या में ऐसे मंदिर हैं, जो वर्षभर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुले रहते हैं. आइए जनपद चमोली के ऐसे तीर्थ और पर्यटक स्थलों के बारे में आपको बताते हैं.
मां नंदा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर: बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदप्रयाग से नंदानगर सड़क पर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर कुरुड़ गांव में उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं. यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है.

नरसिंह मंदिर जोतिर्मठ (Photo courtesy- Chamoli Information Department)
संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर: चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायनी अनसूया माता मंदिर पहुंचा जा सकता है. यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है. प्रतिवर्ष दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनसूया माता मेला आयोजित होता है. मंदिर में निसंतान दंपत्ति संतान की कामना लेकर पहुंचते हैं.

गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर (Photo courtesy- Chamoli Information Department)
गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर: गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बढ़ा मंदिर है. यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है. मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अगल पहचान रखता है. मंदिर परिसर में एक विशाल त्रिशूल भी स्थित है. स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका, तो वह यहां गड़ गया. त्रिशूल की धातु अभी भी सही स्थित में है.

वृद्ध बदरी अनिमठ गांव चमोली (Photo courtesy- Chamoli Information Department)
नीती घाटी में बाबा बर्फानी: चमोली जनपद में चीन के कब्जे वाले तिब्बत के सीमा क्षेत्र में नीती घाटी में बाबा बर्फानी की गुफा स्थित है. बाबा बर्फानी तक पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जालीग्रांट है. यहां से टिम्मरसैंण बाबा बर्फानी गुफा की दूरी लगभग 354 किलोमीटर है. बदरीनाथ हाईवे से जोशीमठ तक और यहां से मलारी हाईवे पर नीती गांव पहुंचा जाता है. यहां से दो किमी की पैदल दूरी पर बाबा बर्फानी की गुफा है. बाबा बर्फानी शीतकाल में दर्शन देते हैं.

सती शिरोमणि अनसूया माता मंदिर (Photo courtesy- Chamoli Information Department)
विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा स्थल औली: विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा स्थली औली ज्योर्तिमठ ब्लॉक मुख्यालय से 12 किमी की सड़क दूरी पर स्थित है. यहां विश्व प्रसिद्ध प्राकृतिक सौंदर्य के साथ विश्व स्तरीय स्कीइंग स्लोप है. यहां शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जाता है. पर्यटकों को औली बहुत पसंद आता है.

योगबदरी पांडुकेश्वर (Photo courtesy- Chamoli Information Department)
एस्ट्रो विलेज बेनीताल: एस्ट्रो विलेज बेनीताल चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक मुख्यालय से कर्णप्रयाग-गैरसैंण मोटर मार्ग पर 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई सेवा गौचर और रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. यहां के स्वच्छ वातावरण में खगोलीय घटनाओं और ग्रह-नक्षत्रों का दीदार किया जा सकता है. इस स्थान की इस विशेषता के चलते राज्य सरकार की ओर से बेनीताल को एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित किया गया है.
अलकनंदा और पंडर का संगम कर्णप्रयाग: बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कर्णप्रयाग. अलकनंदा और पिंडर नदियों के संगम के चलते यह स्थान पंच प्रयागों में शामिल है. यहां संगम दर्शन के साथ ही श्रद्धालु भगवान कृष्ण और कर्ण मंदिर और मां उमा देवी के दर्शन कर सकते हैं.
ज्योर्तिमठ: बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 260 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ज्योर्तिमठ. यहां शीतकाल में जहां बर्फबारी होने पर करीब से बर्फ देखी जा सकती है, वहीं नगर में नृसिंह मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, नव दुर्गा मंदिर और भारत के चार मठों में से उत्तराम्नाय मठ (शंकराचार्य मठ) दर्शनीय है. इसके साथ नगर के समीप आणिमठ में वृद्ध बदरी मंदिर स्थित है.
आदिबदरी मंदिर समूह: कर्णप्रयाग-गैरसैंण-रानीखेत-रामनगर सड़क मार्ग पर कर्णप्रयाग नगर से 19 किलोमीटर की दूरी पर आदिबदरी मंदिर समूह स्थित है. इस स्थान के समीप ही गढ़वाल नरेश की राजधानी चांदपुर गढ़ी और राजराजेश्वरी मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं.
अन्य दर्शनीय स्थल: इसके अलावा चमोली जिले में बैरासकुंड, वृद्ध बदरी, कल्पेश्वर, ब्रह्मताल, भेकलताल, उर्गम घाटी, निजमुला घाटी, देवताल, बेनीताल, रूपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, पोखरी का बामनाथ मंदिर, पर्यटन स्थल मोहनखाल, ग्वालदम, वांण लाटू मंदिर, बधांण गढ़ी सैर-सपाटे और दर्शनों के लिए भी जाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें:

