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'सेमीकॉन इंडिया-2025' में पीएम मोदी ने क्यों कहा – ट्रिलियन डॉलर के ग्लोबल मार्केट में भारत कर रहा धमाका


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के यशोभूमि (इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर) में सेमीकॉन इंडिया 2025 के चौथे संस्करण के दूसरे दिन शिरकत कर भारत की बढ़ती ताकत पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ‘सेमीकॉन इंडिया-2025’ का उद्घाटन किया. इसका उद्देश्य भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को गति प्रदान करना है. उन्होंने कहाकि दुनिया भारत पर भरोसा करती है और देश के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है.

सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि ‘तेल काला सोना था, लेकिन चिप्स डिजिटल हीरे हैं.’ इस पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेल ने पिछली सदी को आकार दिया और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव इस बात पर निर्भर करता है कि इन कुओं से कितना पेट्रोलियम निकाला गया.

हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 21वीं सदी की ताकत अब छोटी चिप में केंद्रित है. आकार में छोटी होने के बावजूद, ये चिप्स वैश्विक प्रगति को तेजी से बढ़ाने की क्षमता रखती हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार पहले ही 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और आने वाले वर्षों में इसके 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस गति से भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए, इस 1 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि 2021 में सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया था. साल 2023 तक भारत के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी मिल चुकी थी, 2024 में कई और प्लांट्स को मंजूरी मिल गई थी.

इसके साथ ही साल 2025 में 5 अतिरिक्त परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई थी. उन्होंने कहा कि 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाएं अभी चल रही हैं, जिनमें 18 अरब डॉलर से ज़्यादा का निवेश शामिल है.

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाता है. सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “फाइल से फैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजात जितनी कम होंगे. वेफर का काम उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा.” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार इसी दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है.

इसके अलावा, राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है. इससे केंद्र और राज्य दोनों से सभी मंजूरियां एक ही मंच पर प्राप्त की जा सकेंगी. उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों को लंबी कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिल गई है.

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल के तहत देश भर में सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह और हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और कुशल श्रमिकों तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं.

उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अवश्यंभावी है. चाहे पीएलआई प्रोत्साहनों के माध्यम से हो या डिजाइन से जुड़े अनुदानों के माध्यम से, भारत संपूर्ण क्षमताएं प्रदान कर रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यही कारण है कि निवेश का प्रवाह जारी है.

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