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Explainer: कोल्ड्रिफ विवाद क्या है और राज्य कफ सिरप पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं?


नई दिल्ली: कोल्ड्रिफ कफ सिरप के एक स्पेसिफिक बैच को लेकर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच, केरल सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए राज्य भर में इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है. यह कदम कुछ अन्य राज्यों द्वारा उठाए गए इसी तरह के कदमों के बाद उठाया गया है.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को घोषणा की कि यह निर्णय मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित अन्य राज्यों से मिली रिपोर्टों के बाद लिया गया है, जहां इस सिरप के कई बच्चों की मौत से जुड़े होने का संदेह है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के अधिकारियों द्वारा कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूनों की जांच की गई और पाया गया कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा तय सीमा से अधिक है. डायथिलीन ग्लाइकॉल एक विषैला विलायक है, जिसका उपयोग औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है और यह गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है.

कोल्ड्रिफ कफ सिरप विवाद
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 7 सितंबर से अब तक इससे जुड़े संदिग्ध किडनी संक्रमण के कारण कम से कम 14 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में है. मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को इस कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी.

कोल्ड्रिफ विवाद क्या है (ETV Bharat Graphics)

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि 7 सितंबर से अब तक 14 मौतों में से 10 मौतें परासिया उपखंड में हुई हैं. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राजस्थान में भी इस कफ सिरप से जुड़ी संदिग्ध मौतों की खबर है.

उच्च स्तर में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल
अधिकारियों ने बताया कि दवा के नमूनों में 48.6 प्रतिशत डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो एक अत्यधिक विषैला पदार्थ है. तमिलनाडु के चेन्नई स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में सरकारी औषधि विश्लेषक द्वारा परीक्षण किए गए सिरप के एक नमूने को राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय द्वारा मानक गुणवत्ता का नहीं घोषित किया गया.

राज्यों ने कोल्ड्रिफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया
तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के बाद केरल सरकार ने भी शनिवार को कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 1 अक्टूबर से शहर स्थित इस कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पूरे तमिलनाडु में प्रतिबंधित कर दी गई है.

Coldrif row

कोल्ड्रिफ विवाद क्या है (ETV Bharat Graphics)

राज्य औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि होने के बावजूद कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप का समस्याग्रस्त बैच राज्य में नहीं बेचा गया था, केरल ने भी सुरक्षा उपाय के रूप में पूर्ण निलंबन का विकल्प चुना है.

तेलंगाना ने पब्लिक अलर्ट जारी किया
तेलंगाना औषधि नियंत्रण प्रशासन ने भी शनिवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप के लिए ‘पब्लिक अलर्ट’ जारी कर सिरप का उपयोग बंद करने का नोटिस’ जारी किया.पीटीआई ने एक विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि औषधि नियंत्रण प्रशासन को मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की दुखद मौतों की खबरों के बाद सतर्क किया गया है.

CDSCO ने निरीक्षण शुरू किया
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भी मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के मद्देनजर कफ सिरप, ज्वरनाशक और एंटीबायोटिक दवाओं सहित 19 नमूने एकत्र करने के बाद छह राज्यों में दवा निर्माण इकाइयों का जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ये निर्माण यूनिट हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं, जहां विभिन्न दवाओं के 19 नमूने निर्मित किए गए थे.

केंद्र की सभी राज्यों को सलाह
केंद्र ने शुक्रवार को सभी राज्यों को एक सलाह जारी करते हुए कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डीजीएचएस ने अपनी सलाह में कहा है कि कफ सिरप आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए रेकेमेंड नहीं है और इससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए भी.

किसी भी तरह के इस्तेमाल से पहले सावधानीपूर्वक नैदानिक ​​मूल्यांकन, कड़ी निगरानी और उचित खुराक, कम से कम प्रभावी अवधि और कई दवाओं के संयोजन से बचने का सख्ती से पालन करना चाहिए.

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