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Voter List SIR: कल से 12 राज्यों में शुरू होगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, जानें प्रक्रिया


Voter List SIR: कल से 12 राज्यों में शुरू होगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, जानें प्रक्रिया (File/ ANI)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मंगलवार से नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 51 करोड़ मतदाता है और 7 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण आयोजित किया जाएगा, उनमें शामिल हैं- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल.

तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे. असम में भी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी, क्योंकि राज्य में नागरिकता की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक अभ्यास चल रहा है. इसके अलावा, नागरिकता अधिनियम का एक अलग प्रावधान असम पर लागू है.

एसआईआर तहत के बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अपने-अपने क्षेत्रों में घर जाकर मतदाताओं से गणना फॉर्म भराएंगे. साथ ही उनसे जरूरी दस्तावेज जमा करने को कहा जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा करते हुए कहा, “नागरिकता अधिनियम के तहत असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता की जांच का काम पूरा होने वाला है. 24 जून का एसआईआर आदेश पूरे देश के लिए था. ऐसी स्थिति में यह असम पर लागू नहीं होता. इसलिए असम के लिए अलग से संशोधन आदेश जारी किए जाएंगे और एसआईआर की अलग तिथि घोषित की जाएगी.”

एसआईआर के तहत 4 नवंबर से गणना प्रक्रिया शुरू होगी, जो 4 दिसंबर तक जारी रहेगी. चुनाव आयोग की तरफ से 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी किया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी. खास बात यह है कि चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे चरण में आधार कार्ड को उन दस्तावेजों की सूची में शामिल किया है, जो लोगों को इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमा करने होंगे.

चुनाव आयोग के मुताबिक, आजादी के बाद से यह एसआईआर का नौवां अभ्यास है और आखिरी बार इसका आयोजन 2002-04 में किया गया था. चुनाव आयोग का मानना ​​है कि SIR यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र मतदाता न छूटे और कोई भी अवैध व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो.

इससे पहले, बिहार में मतदाता सूची का SIR पूरा किया गया और राज्य की अंतिम मतदाता सूची लगभग 7.42 करोड़ नामों के साथ 30 सितंबर को प्रकाशित हुई थी.

राज्यों में अंतिम एसआईआर कट-ऑफ तिथि के रूप में काम करेगी, ठीक उसी तरह जैसे बिहार की 2003 की मतदाता सूची का इस्तेमाल चुनाव आयोग ने एसआईआर के लिए किया. अधिकांश राज्यों में अंतिम एसआईआर 2002 और 2004 के बीच हुआ था, और इन राज्यों ने इसके अनुसार वर्तमान मतदाताओं का मिलान लगभग पूरा कर लिया है.

एसआईआर का मुख्य उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है. बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

बिहार में एसआईआर अभ्यास जून में शुरू किया गया था. चुनाव से ठीक पहले यह अभ्यास कराने पर कई राजनीतिक दलों ने सवाल उठाया था. उन्होंने दावा किया था कि इससे करोड़ों पात्र नागरिक दस्तावेजों के अभाव में मताधिकार से वंचित हो जाएंगे. जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के संशोधन करने के अपने फैसले का बचाव किया और आश्वासन दिया कि भारत का कोई भी पात्र नागरिक वोटर लिस्ट से नहीं छूटेगा.

12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर से पहले, तमिलनाडु के कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया है और राज्य में इस प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया.

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