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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दिया, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आभार जताया


नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों को हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू है और संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के अनुसार दिया गया है.

संसद के मानसून सत्र के बीच धनखड़ ने अपने इस्तीफे की घोषणा की. राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सोमवार को संसद का सत्र शुरू होने के बाद कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की और चुपचाप सदन से चले गए थे.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पत्र (X /@VPIndia)

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. हृदय संबंधी बीमारियों के बाद धनखड़ को इसी साल मार्च में एम्स-दिल्ली में भर्ती कराया गया था और चार दिनों तक उनका इलाज चला था.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक पत्र में जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री और संसद सदस्यों के सहयोग के लिए उनके प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. धनखड़ ने पत्र में कहा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के तहत, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं. मैं भारत की राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद एवं अद्भुत कार्य संबंधों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.”

धनखड़ ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ते हुए उन्हें भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व है तथा इसके उज्ज्वल भविष्य पर अटूट विश्वास है. उन्होंने आगे कहा, “मैं प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री जी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है.”

संसद सदस्यों को धन्यवाद देते हुए जगदीप धनखड़ कहा, “सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा.”

‘परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए सच्चा सम्मान’
धनखड़ के पत्र में लिखा, “हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मुझे जो अमूल्य अनुभव और ज्ञान प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैं तहे दिल से आभारी हूं. इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतुष्टि की बात रही है. हमारे देश के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए सच्चा सम्मान रहा है.”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, “मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करता हूं. मैं दुखी हूं, क्योंकि मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. मैं उन्हें 30-40 वर्षों से जानता हूं. हम एक-दूसरे के साथ थे. हम कई मामलों में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हुए हैं. हमारे बीच एक अनोखा रिश्ता है. मैंने हमेशा उनका सम्मान किया है, और उन्होंने भी मेरा सम्मान किया है.”

सिब्बल ने कहा, “मैं आशा करता हूं कि वे स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों, और मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं. हमारे राजनीतिक विचारों या विचारों को लेकर हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर, हमारे बीच एक बहुत ही मजबूत रिश्ता था. जब भी मुझे सदन में बोलने के लिए समय चाहिए होता था, मैं उनसे उनके कक्ष में व्यक्तिगत रूप से मिलता था, और उन्होंने मुझे कभी मना नहीं किया, और मुझे स्वतंत्र सांसदों को मिलने वाले समय से थोड़ा ज्यादा समय दिया.”

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