उपनल संविदा कर्मचारी मामला (ETV Bharat)
नैनीताल: हाईकोर्ट में उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में इन कर्मचारियों को समान कार्य के लिये समान वेतन जल्द दिया जाएगा. दिसंबर माह से न्यूनतम वेतन लागू करने के सम्बन्ध में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश पर किसी भी प्रकार का विलम्ब या टालमटोल स्वीकार्य नहीं होगा. इस अवमानना याचिका में मुख्य सचिव आनन्द वर्धन को प्रतिवादी बनाया गया है.
सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि एक ओर न्यायालय में अवमानना वाद विचाराधीन है, तो दूसरी ओर कुछ कर्मचारी संघ द्वारा सड़क पर अराजक गतिविधियां की जा रही हैं. इस पर न्यायालय ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां कानून की दृष्टि में उचित नहीं हैं. कोर्ट ने राज्य को इस प्रकार की परिस्थितियों पर नियंत्रण रखने को कहा है.
उपनल संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन देने के निर्देश के अनुपालन के लिए राज्य द्वारा कमेटी गठन की जानकारी देने पर न्यायमूर्ति रविंद मैठाणी की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि आदेश का प्रत्यक्ष व प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की है.
बता दें हाल में ही उत्तराखंड सरकार को उपनल कर्मियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की रिव्यू पिटीशन को खारिज किया है. हाईकोर्ट पहले ही इन कर्मचारियों को नियमित किए जाने के लिए नियमावली बनाई जाने के आदेश कर चुका है.
वहीं, उपनलकर्मी कैबिनेट में नियमितीकरण को लेकर मंत्रिमंडलीय समिति बनाए जाने के फैसले को भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं. सरकार के इस फैसले के बाद से ही उपनलकर्मी ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसे देखते हुए राज्य सरकार को उत्तराखंड में एस्मा लगाना पड़ा. साथ ही नो वर्ल नो पे का आदेश भी जारी करना पड़ा है.
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