धामी कैबिनेट के फैसले से नाखुश उपनल कर्मचारी (ETV Bharat)
धीरज सजवाण की रिपोर्ट
देहरादून: कैबिनेट बैठक में उपनल के लिए लिए गए फैसलों से उपनल कर्मचारी खुश नहीं हैं. अब उपनल कर्मचारी हड़ताल को और उग्र रूप देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. दो उपनल कर्मचारी भूख हड़ताल पर चले गए हैं. कल से कर्मचारियों की संख्या बढ़ती जाएगी.
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों के नियमितकारण को लेकर स्पष्ट आदेश के बाद भी लंबे समय से लटकाया जा रहा है. इस मामले पर उपनल कर्मचारियों ने राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर तक राज्य सरकार को मौका दिया. उपनल कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राज्य गठन के 25 साल पूरे होने और रजत जयंती वर्ष की वर्षगांठ 9 नवंबर 2025 को उत्तराखंड की धामी सरकार उपनल कर्मचारी के लिए नियमितीकरण से संबंधित कोई बड़ा फैसला लेगी. मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. राज्य स्थापना के अगले ही दिन 10 नवंबर 2025 को प्रदेश के 22000 ओपन कर्मचारी प्रदेश भर में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी हड़ताल पर चले गए.
स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो उपनल कर्मचारी केवल राज्य की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े अस्पताल दूर मेडिकल कॉलेज के अपने सभी 300 कर्मचारी को हड़ताल पर बुलाया. बाकी प्रदेश भर में सभी स्वास्थ्य और इमरजेंसी सेवाओं में कार्यरत उपनल कर्मचारियों को अभी फिलहाल हड़ताल पर नहीं बुलाया गया है. 10 नवंबर से चल रही इस हड़ताल के बाद जब आज बुधवार 12 नवंबर को प्रदेश की धामी सरकार की कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. जिसमें कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थी.
धामी कैबिनेट में इस बार उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण मामले को लेकर एक और कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है. इससे उपनल कर्मचारी बेहद नाखुश नजर आए.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कर्मचारी महासंघ के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा प्रदेश के सभी 22000 कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार उनके हित में कोई फैसला लेगी. आज हड़ताल खत्म होनी की उम्मीद थी. दूसरी तरफ पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उपनल कर्मचारियों को यह अंदेशा भी था कि सरकार आज फिर से एक कमेटी का गठन कर देगी.
उपनल कर्मचारी महासंघ के संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा यह पहली बार नहीं है जब सरकार कमेटी गठित कर रही है. उन्होंने डॉक्यूमेंट के साथ सिलसिले बार तरीके से कमेटियां का इतिहास बताया.
अब तक गठित की गई समितियां
- 15 मार्च 2016 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित
- 21 मार्च 2021 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित
- 19 फरवरी 2024 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित
- 21 जुलाई 2025 प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित
उपनल कर्मचारी महासंघ संयोजन विनोद गोदियाल ने कहा अब तक गठित की गई इन सभी कमेटियों का क्या कुछ हुआ? इनका परिणाम क्या हुआ? यह कोई नहीं जानता है.
उग्र होता जाएगा आंदोलन: बुधवार को कैबिनेट फैसले से नाखुश उपनल कर्मचारियों की अब हड़ताल को लेकर आगे क्या कुछ रणनीति है? इसको लेकर हमने संयोजक विनोद को दिया से पूछा. उन्होंने बताया सरकार के कैबिनेट के फैसले ने उपनल कर्मचारी को निराश किया है. अब आंदोलन और ज्यादा उग्र होता जाएगा. उन्होंने बताया आज से उनके दो कर्मचारी भूख हड़ताल पर चले गए हैं. कल से कर्मचारियों की संख्या बढ़ती जाएगी. इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन और धामी सरकार की होगी. उपनल के मंत्री गणेश जोशी पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने 22000 कर्मचारियों की एक भी बार सुध नहीं ली है.
अब प्रदेश भर से स्वास्थ्य कर्मियों को भी बुलाया जाएगा: उपनल कर्मचारियों ने बताया अभी तक केवल पूरे प्रदेश में देहरादून के दून अस्पताल के उपनल के माध्यम से लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को हड़ताल पर बुलाया गया है. जिनकी संख्या तकरीबन 300 के करीब है. अभी प्रदेश भर में अलग-अलग जगह पर उपनल के माध्यम से तैनात स्वास्थ्य कर्मियों और इमरजेंसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को हड़ताल पर नहीं बुलाया गया है. अब जिस तरह से सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी है उसके बाद प्रदेश भर के इमरजेंसी और स्वास्थ्य कर्मियों को भी इस हड़ताल में बुलाया जाएगा.
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