देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के बाद से ही उत्तराखंड चार धाम यात्रा की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी. रही सही कसर बारिश और आपदा ने पूरी कर ली. जिसके बाद से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरी तरह से बाधित हो गई है. ताजा हालात ये हैं कि अभी चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन बंद है. आने वाले समय में मौसम के हालातों को देखते हुए ही आगे इस पर निर्णय लिया जाएगा.
हर साल मानसून सीजन के दौरान 15 जून से 15 सितंबर तक चार धाम यात्रा की रफ्तार काफी धीमी रहती है. बावजूद इसके बीते सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 10 हज़ार श्रद्धालु रोजाना मानसून सीजन के दौरान भी दर्शन करते रहे हैं, मगर साल 2025 में मानसून सीजन के दौरान चार धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा काफी अधिक सीमित हो गया. खासकर अगस्त महीने के पहले हफ्ते में उत्तरकाशी में आई आपदा और फिर इसके बाद लगातार कई क्षेत्रों में आपदा आने के बाद यात्रियों की संख्या काफी अधिक घट गई. साथ ही भारी बारिश के चलते चार धाम को जाने वाली सड़कों को भी काफी नुकसान हुआ है.
इन तमाम पहलुओं को देखते हुए हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए थे कि जब उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत होगी उससे पहले सड़क मार्ग को दुरुस्त करने के साथ ही चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को मुकम्मल कर ली जाये. मौसम के साथ न देने की वजह से और लगातार भारी बारिश होने के चलते राज्य सरकार ने 5 सितंबर तक चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी. उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर ना सिर्फ रोक लगाई है बल्कि चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी बंद कर दिया है. ऐसे में शासन ने निर्णय लिया है कि जब मौसम साफ होगा उसके बाद चारधाम यात्रा को संचालित करने का निर्णय लिया जाएगा.
उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 30 अप्रैल से उत्तराखंड चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद से अभीतक 42,82,263 श्रद्धालु चारधाम और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं. जिसके तहत, बदरीनाथ धाम के 12,91,959 श्रद्धालु, केदारनाथ धाम के 14,75,400 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 6,69,214 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 5,86,504 श्रद्धालुओं के साथ ही हेमकुंड साहिब के 2,51,072 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. 30 अप्रैल से शुरू हुई चार धाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य खराब होने की वजह से 155 श्रद्धालुओं की मौत जबकि अन्य कारणों से 15 श्रद्धालुओं की मौत हुई है.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक के सवाल पर पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल के कहा मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश को लेकर जो अलर्ट जारी किया गया है. उसको देखते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत 5 सितंबर तक चारधाम यात्रा संचालित नहीं होगी. साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश समेत अन्य जगहों पर होने वाले रजिस्ट्रेशन काउंटर को भी 5 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है. ऐसे में मौसम ठीक होने के बाद चारधाम यात्रा संचालन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
मौसम विज्ञान केंद्र ने 6 सितंबर तक के लिए प्रदेश में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. जिसके तहत 3 सितंबर से 6 सितंबर तक प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. 3 सितंबर को राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथोरागढ़, नैनीताल और चम्पावत जिले में कहीं-कही भारी बारिश की संभावना है. 4 सितंबर को राज्य के बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है. 5 सितंबर को प्रदेश के बागेश्वर और नैनीताल जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है. 6 सितंबर को राज्य के देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है.
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