Homeउत्तराखण्ड न्यूजUKSSSC आंदोलन: उत्तराखंड में युवाओं के संघर्ष के बाद CBI जांच पर...

UKSSSC आंदोलन: उत्तराखंड में युवाओं के संघर्ष के बाद CBI जांच पर सियासी श्रेय की होड़! जानिए विरोध या संयम रहा बेजोड़?


किरनकांत शर्मा

देहरादून: उत्तराखंड की सियासत इन दिनों एक नए मोड पर है. प्रदेशभर में 8 दिनों से आवाज बुलंद कर रहे बेरोजगार युवाओं के आंदोलन ने आखिरकार सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया. 29 सितंबर का दिन उत्तराखंड की राजनीति और युवाओं के संघर्ष के इतिहास में दर्ज हो गया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक धरना स्थल पहुंचे और बेरोजगार युवाओं की मांग मानते हुए सीबीआई जांच की घोषणा कर दी. यह फैसला जितना युवाओं के लिए जीत साबित हुआ, उतना ही राज्य के राजनीतिक गलियारों में श्रेय लेने की होड़ का कारण भी बन गया.

देहरादून के परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पहुंचते ही युवाओं ने राहत की सांस ली. सीएम धामी के पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच के आश्वासन और छात्र पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की घोषणा करते ही आंदोलन भी खत्म हो गया. इससे प्रदेशभर में उम्मीद की एक नई किरण भी जगी, लेकिन आंदोलन के समापन के कुछ ही मिनट बाद राजनीतिक मंचों पर श्रेय लेने वालों का सिलसिला शुरू हो गया. इससे सवाल उठ रहा है कि यह जीत युवाओं की है, या नेताओं की?

युवाओं की आवाज: उत्तराखंड लंबे समय से नौकरी घोटालों, पेपर लीक और बेरोजगार युवाओं की समस्याओं से जूझ रहा है. नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद भी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए तो इस बार आंदोलन भी बड़े स्तर पर हो गया. बार-बार परीक्षाएं रद्द होने और चयन प्रक्रियाओं पर धांधली के आरोपों ने युवाओं का गुस्सा चरम पर पहुंचा दिया.

देहरादून में बेरोजगार युवाओं ने लगातार धरना-प्रदर्शन कर सरकार से सीबीआई (Central Bureau of Investigation) जांच की मांग की. क्योंकि, उत्तराखंड में सख्त निकल विरोधी कानून लागू होने के बाद भी पेपर लीक होना, कहीं न कहीं युवाओं के भरोसे को तोड़ रहा था. ऐसे में दिन-रात डटे इन युवाओं का संघर्ष केवल नौकरी पाने की जद्दोजहद नहीं था बल्कि, यह व्यवस्था की साख बचाने की लड़ाई भी बन गया था.

युवाओं का आक्रोश (फाइल फोटो- ETV Bharat)

सीएम धामी का धरनास्थल पर पहुंचना सकारात्मक कदम: 29 सितंबर को अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने युवाओं की पूरी बात सुनी और न केवल सहानुभूति जताई बल्कि, सार्वजनिक रूप से ऐलान किया कि अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी. यह बयान आते ही धरनास्थल पर बैठे युवाओं के चेहरे खिल उठे.

सरकार की ओर से इस तरह का सीधा और सकारात्मक कदम बेहद खास माना जा रहा है. युवाओं का कहना था कि उन्होंने आंदोलन सरकार तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई. युवाओं ने सीएम धामी का भी खुले मंच से अभिवादन किया कि वो उनके धरना स्थल पर बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंचे और उनकी मांगें मानी.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

लिखित में आश्वासन देते सीएम धामी (फोटो सोर्स- ANI)

श्रेय की राजनीति शुरू, किसके दबाव में झुकी सरकार? मुख्यमंत्री की ओर से सीबीआई जांच की घोषणा के तुरंत बाद उत्तराखंड में सोशल मीडिया से लेकर नेताओं के घर दफ्तर में दीपावली से पहले ही दिवाली जैसा माहौल दिखने लगा. कई जगहों पर पटाखे छोड़कर आतिशबाजी की गई. राजनीतिक गलियारों में भी अलग-अलग रंग दिखने लगे.

TSR के समर्थकों ने की आतिशबाजी: सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. समर्थकों ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी. साथ ही नारे लगाए ‘त्रिवेंद्र सिंह रावत जिंदाबाद’, ‘युवाओं के हितैषी सांसद जिंदाबाद’ के नारे लगे. उसमें खुद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बयान भी जारी कर दिया. त्रिवेंद्र रावत ने खुद बयान दिया कि वो शुरू से ही युवाओं के साथ खड़े थे और सीबीआई जांच की मांग के पक्षधर रहे हैं. उन्होंने सीएम धामी को युवाओं की आवाज सुनने के लिए धन्यवाद भी दिया.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

पूर्व सीएम धामी को मिठाई खिलाते समर्थक (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

बयान के बाद लगे पोस्टर: हैरानी तो लोगों को तब हुई, जब अगली सुबह लोग नींद से जागे. कई शहरों में जगह-जगह त्रिवेंद्र सिंह रावत के पोस्टर लगे नजर आए. इन पोस्टरों में उन्हें युवाओं की धड़कन और सीबीआई जांच की मांग उठाने वाले सच्चे नेता के रूप में पेश किया गया. यह नजारा साफ कर रहा था कि आंदोलन की सफलता का श्रेय लेने की शुरुआत हो चुकी है.

Uttarakhand Paper Leak Case

पूर्व सीएम पुष्कर धामी के लगे पोस्टर (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

ये भी पढ़ें- इधर CM धामी ने दी पेपर लीक की CBI जांच की संस्तुति, उधर त्रिवेंद्र के घर फूटे पटाखे और बंटी मिठाई

कांग्रेस की सक्रियता और श्रेय का दावा: कांग्रेस ने भी इस पूरे घटनाक्रम को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश शुरू कर दी. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखकर युवाओं के संघर्ष को सलाम किया और इसे सरकार पर विपक्ष के दबाव का नतीजा बताया. प्रियंका गांधी ने पहले से ही बेरोजगार युवाओं के आंदोलन के समर्थन में खुलकर बयान दिए थे.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर पार्टी लगातार युवाओं की आवाज नहीं उठाती तो सरकार इतनी जल्दी सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं होती. कांग्रेस प्रवक्तओं ने इसे सरकार की मजबूरी बताते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री धामी का फैसला विपक्ष के दबाव और जनता के गुस्से का परिणाम है, न कि सरकार की संवेदनशीलता.

इतना ही नहीं, कांग्रेस तो अभी भी इस मामले को उठाते हुए 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास कूच का कार्यक्रम कर रही है. जिस पर कांग्रेसियों का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने युवाओं के खिलाफ जो बयान दिए हैं, उस पर वो माफी मांगे. यानी अभी कांग्रेस मामले को और आगे ले जाने की कोशिश कर रही है.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

आंदोलनरत बेरोजगार युवा (फाइल फोटो- ETV Bharat)

बीजेपी संगठन की रणनीति और धामी की छवि: उधर, बीजेपी भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी. प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने उत्तरकाशी पहुंचकर युवाओं की बैठक बुलाई. यहां पर उन्होंने सीएम धामी के समर्थन में नारे लगवाए और बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता और युवाओं के भविष्य की चिंता का परिणाम है.

उन्होंने बेरोजगार युवाओं से कहा कि धामी सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाया. अब सीबीआई जांच भी स्वीकार की. जो यह साबित करता है कि मुख्यमंत्री युवाओं के हितों की रक्षा करने वाले सच्चे नेता हैं. इतना ही नहीं उन्होंने धामी को शानदार मुख्यमंत्री और युवाओं का संरक्षक तक कह डाला. मतलब साफ है कि इस पूरे मामले में त्रिवेंद्र का जश्न और पार्टी का अलग स्टैंड संगठन के अंदरूनी कलेश को उजागर करता है.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

त्रिवेंद्र रावत के आवास के बाहर आतिशबाजी (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

अब कुल मिलाकर बात ये है कि पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच के लिए तो मंजूरी दे दी, लेकिन खुद सीएम धामी श्रेय लेने में काफी पीछे रह गए. जबकि, श्रेय लेने वालों की फेहरिस्त लंबी हो रही है. सीएम धामी के फैसले को लेकर भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पर आतिशबाजी की. जश्न मनाने वालों सबसे वरिष्ठ बीजेपी नेता ज्योति प्रसाद गैरोला भी शामिल रहे.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर फूटे पटाखे (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

‘नकल जिहाद’ और भगवा विरोधी जैसे आरोपों पर जवाब नहीं: वहीं, कल तक बीजेपी को आंदोलन में नकल जिहाद नजर आ रहा था. युवा भगवा विरोधी नजर आ रहे थे, लेकिन आज कैसे उनके प्रति प्रेम उड़ रहा है? इन सवालों पर बीजेपी की तरफ से गोलमोल जवाब आए, लेकिन सरकार की ओर से सीबीआई जांच की संस्तुति पर बीजेपी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते नजर आए.

उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा में छात्र-छात्राओं और कोचिंग सेंटर संचालकों ने पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति पर मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया. छात्र-छात्राओं को उम्मीद है कि सीबीआई जांच के बाद पेपर लीक मामले में नकल माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. साथ ही सरकार युवाओं के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएगी.

UKSSSC Paper Leak CBI Probe

युवाओं के आंदोलन में सीएम पुष्कर सिंह धामी (फोटो सोर्स- X@ukcmo)

सवाल असली श्रेय किसे? अब यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है कि इस जीत का श्रेय किसे दिया जाए? क्या यह युवाओं की मेहनत और संघर्ष की जीत है? क्या यह विपक्ष के लगातार दबाव का असर है या फिर यह मुख्यमंत्री धामी की पहल है. जिन्होंने सीधे धरनास्थल पहुंचकर फैसला सुनाया?

राजनीतिक विश्लेषक आदेश त्यागी कहते हैं कि सरकार के इस फैसले में सभी कारकों का मिश्रण रहा. एक ओर युवाओं का आंदोलन सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा था तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष की लगातार सक्रियता ने दबाव बढ़ाया, लेकिन अंतिम फैसला मुख्यमंत्री धामी ने लिया.

इससे सीएम धामी एक संवेदनशील और निर्णायक नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. इसलिए सरकार के मुखिया का ये रोल भी बेहतर रहा. क्योंकि, वो चाहते तो आंदोलनकारी पदाधिकारियों को आवास या दफ्तर पर बुलाकर भी ये मांग मान सकते थे, लेकिन उन्होंने युवाओं के बीच जाने का ये फैसला लेकर कई उभरते सवालों को वहीं पर खत्म कर दिया है.

ये भी पढ़ें-

  • UKSSSC पेपर लीक CBI जांच: 8 दिन का आंदोलन और दबाव में आ गई सरकार, जानें कब क्या हुआ
  • UKSSSC पेपर लीक की होगी CBI जांच, सीएम ने कहा हां, छात्रों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
  • UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच पड़ताल करने टिहरी पहुंची एसआईटी, दो युवकों ने दर्ज कराए बयान
  • UKSSSC पेपर लीक: भूख हड़ताल पर बैठे युवक को जबरन उठा ले गई पुलिस, महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप
  • UKSSSC पेपर लीक पर सियासत! कांग्रेस बोली- बीजेपी से जुड़े तार, भाजपा ने भी दिया जवाब
  • UKSSSC पेपर लीक: CBI जांच के पक्ष में त्रिवेंद्र, बोले- सबको सरकारी नौकरी संभव नहीं, सरकारें झूठ बोलती हैं
  • UKSSSC पेपर लीक केस: राहुल गांधी ने बीजेपी को दिया दूसरा नाम, भाजपा ने भी दिया मजेदार जवाब
  • पेपर लीक प्रोटेस्ट में लग रहे देशद्रोह के नारे, सवालों के घेरे में आंदोलनकारी, सीएम धामी का बड़ा बयान

एक नजर