सांकेतिक फोटो (getty image)
नई दिल्ली: शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में 6% तक की गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले छह महीनों में सबसे बड़ी गिरावट है. दिनभर की अस्थिरता के बाद चांदी ने थोड़ी रिकवरी की, लेकिन अंत में यह लगभग 4.75% नीचे बंद हुई. भारत के MCX बाजार में भी चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट आई, जहां दिन के उच्चतम स्तर से निम्नतम स्तर तक 16,715 अंक की भारी कटौती देखी गई.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के आंकड़े
- दिनांक: 17 अक्टूबर 2025
- उच्चतम स्तर: $54.63
- बंद स्तर: $51.8
- गिरावट: 4.24%
- भारत में चांदी के आंकड़े (MCX):
- उच्चतम स्तर: ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम
- न्यूनतम स्तर: ₹1,53,700 प्रति किलोग्राम
- समापन स्तर: ₹1,56,604 प्रति किलोग्राम
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी क्रेडिट क्वालिटी में सुधार की उम्मीदें और चीन-यूएस व्यापार तनाव में कमी की खबरों ने धातुओं के रैली को कमजोर किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सकारात्मक बयान बाजार में ट्रेड फ्रिक्शन की चिंताओं को कम करने में मददगार साबित हुए. साथ ही, क्षेत्रीय बैंकों के अच्छे नतीजों ने शेयर बाजार को स्थिर किया और बॉन्ड यील्ड बढ़ने से सोने-चांदी जैसे धातुओं पर दबाव पड़ा. चूंकि ये धातु ब्याज उत्पन्न नहीं करते, इसलिए बढ़ती ब्याज दरें इनके लिए नकारात्मक होती हैं.
सोना-चांदी की दीवाली तक तेजी बरकरार रहने की उम्मीद
ETV भारत के वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शुक्ला ने बताया कि सोना और चांदी ने अपने सर्वकालिक उच्च स्तर छुए हैं. सोना ₹1,32,294 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, त्योहारों की मांग और सुरक्षित निवेश के कारण सोना ₹1.5 लाख और चांदी ₹2 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है.
विशेषज्ञों के विचार
अनुज गुप्ता, डायरेक्टर, YA Wealth Global: “सोना एक पसंदीदा सुरक्षित निवेश बना हुआ है. केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिनमें 2025 की पहली तिमाही में 244 टन की खरीदारी हुई है. कमजोर अमेरिकी डॉलर, लगातार महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव मांग बढ़ा रहे हैं. सोने की कीमतें 2026 की दीवाली तक $4500-5000 प्रति औंस और MCX पर ₹1,40,000-1,50,000 प्रति 10 ग्राम के बीच पहुंच सकती हैं.”
चांदी की मांग इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा उपकरणों के बढ़ते इस्तेमाल से लगातार बढ़ रही है. 2025 में चांदी ने तकनीकी रूप से मजबूत ब्रेकआउट दिया है और कीमतों का रुझान सकारात्मक बना हुआ है. अनुज के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी $60-70 प्रति औंस और MCX पर ₹1,80,000 से ₹2,00,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है.
नवनीत दमानी, प्रमुख शोध, मोतीलाल ओसवाल: “सोने की कीमतें $4000 और घरेलू बाजार में ₹1,20,000 के लक्ष्य को पार कर चुकी हैं. मध्यम से दीर्घकालिक अवधि में COMEX पर सोने की कीमत $4250-4500 और घरेलू स्तर पर ₹1,28,500-1,35,000 तक जा सकती है. चांदी के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य क्रमशः ₹1,50,000 और $50 हैं. लंबी अवधि में चांदी $75 तक जा सकती है और घरेलू स्तर पर ₹2,30,000 तक का उछाल संभव है.”
इंदरबीर सिंह जोली, CEO, Prabhudas Lilladher Wealth Management: “इस धनतेरस पर सोना सिर्फ एक शुभ आभूषण नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संपत्ति बन गया है. वैश्विक स्तर पर सोना $4300 प्रति औंस के ऊपर ट्रेड कर रहा है, जो पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी है. भारत में सोने की कीमतें ₹1.32 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई हैं. कमजोर डॉलर, अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सोने की मांग को मजबूती दे रही हैं.”
सावधानी के संकेत: कीमतों में जल्द ही हो सकती है गिरावट
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिवाली के बाद सोने-चांदी की कीमतों में 5 से 10% तक की सुधारात्मक गिरावट आ सकती है. इसके बाद शादी और त्योहारों के मौसम में कीमतें फिर से बढ़ने की उम्मीद है. अनुज गुप्ता ने यह भी बताया कि सोना खरीदने के लिए ETF में निवेश करना फिलहाल थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि फंड कंपनियां फिजिकल गोल्ड की कमी के कारण नए ऑर्डर temporarily बंद कर रही हैं.
वैश्विक आर्थिक स्थिति और तकनीकी विश्लेषण दर्शाते हैं कि सोना-चांदी की कीमतें अगले एक साल में बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं. हालांकि, निवेशकों को भावनात्मक निर्णय लेने की बजाय बाजार की सावधानी से निगरानी करते हुए सोच-समझकर निवेश करना चाहिए. त्योहारों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से इनकी मांग में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है.
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