Homeउत्तराखण्ड न्यूजथराली आपदा में आंखों के सामने सैलाब में बहे पिता, कुछ नहीं...

थराली आपदा में आंखों के सामने सैलाब में बहे पिता, कुछ नहीं कर पाया बेबस बेटा, लोगों ने बयां किया खौफनाक मंजर


चमोली, थराली: उत्तराखंड अभी उत्तरकाशी की धराली आपदा से उबरा भी नहीं था, कि चमोली जिले के थराली इलाके में बीती रात बादल फटने से भयंकर तबाही हुई. इस आपदा में चेपडों गांव का पूरा बाजार तबाह हो गया. कई आपदा पीड़ितों में अपनी दुख भरी कहानी बताई. कैसे व्यापारियों के सामने उनकी दुकानों का नामोनिशान मिट गया. वहीं एक व्यापारी ने बताया कि आधी रात उनकी आंखों के सामने उनके पिता पानी के तेज बहाव में बह गए और वो उन्हें बचा भी नहीं पाए. इलाके में आपदा के बाद हालात इतने खराब हैं कि प्रशासन की टीम भी ग्राउंड जीरो पर नहीं पहुंचा पा रही है.

ग्रामीणों को रात 11 बजे आया था कॉल: चेपडों के व्यापारी देवी जोशी ने बताया कि उनके गांव के ऊपर एक ग्राम सभा है टुंडरी, वहीं से रात को 11 बजे कॉल आया था कि बादल फट गया है. इसीलिए आप जल्दी से अपनी गाड़ियां और दुकानों का सामान समय से हटा लो.

देवी जोशी ने बताया कि कॉल आने के बाद वो तुरंत दुकान पहुंचे और वहां से अपनी गाड़ियां व दुकान से कुछ पेपर अपने साथ लिए. देवी जोशी बताते है कि पीछे-पीछे उनके पिता भी दुकान आ गए थे. देवी जोशी कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता को आने से मना किया था, लेकिन वो नहीं माने और जबरदस्ती दुकान पर आ गए.

आपदा में बह गए पिता: देवी जोशी का कहना है कि गाड़ियों और दुकानों का सामान हटाया तो सब कुछ सही था, लेकिन जब वो ऊपर की तरफ आने लगे तो रात करीब 12 बजे दोबारा से बादल फटा और उसमें सब कुछ तहस-नहस हो गया और मेरे पिता भी उस आपदा की भेंट चढ़ गए.

पिता का शव ही मिल जाए: देवी जोशी ने पुलिस-प्रशासन ने मदद मांगते हुए कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भेजा जाए, ताकि उनके पिता को ढूंढा जा सके. हम अपने पिता के बिना अनाथ हो गए. यदि उनका शव भी मिल जाए तो उन्हें तभी संतुष्टि हो जाएगी.

शाम सात बजे से हो रही थी जोरदार बारिश: इसी तरह के अन्य व्यापारी की भी कहानी है. उन्होंने बताया कि पहाड़ पर शाम सात बजे से जोरदार बारिश हो रही थी. रात ऊपर बादल फटा और सब तबाह हो गया. व्यापारी ने बताया कि उनकी भी दो दुकानों थी, जो इस आपदा में बह गई. अब परिवार कैसे चलेगा. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

व्यापारी ने बताया कि आपदा के समय यहां पर करीब 60 आदमी थे, जिसमें से एक बुजुर्ग व्यापारी का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. वहीं एक अन्य व्यापारी लक्ष्मण प्रसाद जोशी ने बताया कि रात को करीब 12.30 इतना बड़ा सैलाब आया कि उन्हें दुकान से पैसे उठाने का समय भी नहीं मिला. मेरे ताऊ जी मलबे में दब गए हैं. कई लोगों को चोटें भी आई हैं. हम लोग भी मरते-मरते बचे हैं. चेपडों गांव का पूरा बाजार खत्म हो गया है.

बता दें कि 22 अगस्त देर रात को आए सैलाब ने न सिर्फ चेपडों गांव के बाजार को बर्बाद किया है, थराली के मुख्य बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. थराली के मुख्य बाजार में कई दुकानों तबाह हो गई हैं. थराली से चेपडों गांव की दूरी करीब पांच किमी है, लेकिन सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि प्रशासन की टीम का वहां पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है. जगह-जगह सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.

पढ़ें–

एक नजर