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विधानसभा की रजत जयंती पर आयोजित होगा 2 दिवसीय विशेष सत्र, एक छत के नीचे होंगे SDM से लेकर BDO कार्यालय


देहरादून: उत्तराखंड राज्य में बने आपदा जैसी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के आपदा प्रबंधन, प्रशासनिक सुधार और स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण को प्रभावी बनाने को लेकर तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा की रजत जयंती के अवसर पर नवंबर महीने में दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया जाए.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि थराली क्षेत्र को भी धराली की तरह ही विशेष राहत और पुनर्वास पैकेज दिया जाए. सीएम ने स्पष्ट किया कि थराली में हाल की आपदाओं से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाई जाए और पुनर्वास के कामों को युद्धस्तर पर शुरू किया जाए. इसी क्रम में, जोशीमठ में भी राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित परिवारों की पीड़ा को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए.

यही नहीं, बैठक में निर्णय लिया गया कि विधानसभा की रजत जयंती के अवसर पर आगामी नवंबर माह में दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजन किया जाएगा. इस विशेष सत्र में राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी.

बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में आहूत मॉनसून सत्र के दौरान बिना चर्चा के ही अनुपूरक बजट समेत 9 विधेयक को पारित कर दिया गया. जिसके चलते मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर नजर आ रही है.

प्रशासनिक सुगमता के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी और बीडीओ के कार्यालय एक ही छत के नीचे एकीकृत रूप से स्थापित किए जाएंगे, जिससे जनता को सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच मिल सके. इसके साथ ही, ग्राम सभा स्तर पर सप्ताह में एक दिन पंचायत भवन में पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री की उपस्थिति रोस्टर के अनुसार अनिवार्य की जाएगी. ताकि ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हो सकें.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इन सभी निर्णयों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि जनहित में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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