आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला. (ETV Bharat)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निकायों को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे राजमार्ग गश्ती दल गठित करें जो सड़कों से आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें आश्रय गृहों में रखें जहाँ उनकी देखभाल की जाएगी.
Supreme Court directs all States and Union Territories, National Highway Authority, and civic bodies to remove stray cattle from National Highways, state highways and roads.
Supreme Court directs States and Union Territories to form highway patrol team to catch stray cattle from… pic.twitter.com/BCnyifqxZy
— ANI (@ANI) November 7, 2025
सर्वोच्च न्यायालय ने 7 नवंबर, 2025 को एक फैसले में भारत भर में सार्वजनिक सड़कों पर आवारा मवेशियों और कुत्तों की समस्या से निपटने के उद्देश्य से कई निर्देश जारी किए.
नेशनल हाइवे से आवारा पशुओं को हटाने का निर्देश दिया गया. सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नगर निकायों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और अन्य सड़कों से आवारा मवेशियों और कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया है.
एससी ने कहाकि आवारा पशुओं से निपटने के लिए राजमार्ग गश्ती दल बनाया जाए. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष रूप से सड़कों से आवारा मवेशियों को पकड़ने की व्यवस्था हो. उन्हें आश्रय गृहों में ले जाने के लिए समर्पित राजमार्ग गश्ती दल बनाने का भी आदेश दिया गया है. इन जानवरों की वहां देखभाल की जाएगी.
इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों से हटाने का आदेश पारित किया गया. आवारा कुत्तों को शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों के परिसरों से हटाकर आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने को कहा गया.
इसी के साथ ही उच्चतम न्यायालय ने ये आदेश दिया कि इनको पकड़ने के बाद उसी स्थान पर न छोड़ा जाए. इन अभियानों में पकड़े गए आवारा जानवरों को उसी स्थान पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जहां से उन्हें उठाया गया था.
यह फैसला एक व्यापक चल रहे मामले का हिस्सा है. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आवारा पशुओं के प्रबंधन के संबंध में निर्देश जारी करता रहा है, इसमें अगस्त 2025 के पिछले आदेश भी शामिल हैं. इस आदेश के तहत पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रमों, टीकाकरण और निर्दिष्ट आहार क्षेत्रों के बारे में विभिन्न नियम बनाए गए. अदालत ने पूरी कार्यवाही के दौरान जन सुरक्षा और पशुओं के साथ मानवीय व्यवहार पर जोर दिया है.
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