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शशि थरूर ने पीएम मोदी को बताया देश का 'प्राइम एसेट', ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तारीफ से फिर असहज हुई कांग्रेस!


नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. अंग्रेजी अखबार के एक कॉलम में थरूर ने पीएम मोदी को उनकी ऊर्जा, गतिशीलता और वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधत्व करने की इच्छाशक्ति की वजह से भारत के लिए ‘प्राइमरी एसेट’ (प्रमुख संपत्ति) बताया है. इसको लेकर कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है. वहीं थरूर को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं.

इस लेख को लेकर थरूर ने एक ट्वीट भी किया, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अपने आधिकारिक हैंडल से साझा करते हुए समर्थन जताया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और कोलंबिया सहित पांच देशों की यात्रा करने वाली सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी. इस मिशन का उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दी गई कड़ी प्रतिक्रिया को स्पष्ट करना था.

शशि थरूर ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफ की… ईटीवी भारत की रिपोर्ट (ETV Bharat)

हालांकि, थरूर की इस पहल और मोदी सरकार की प्रशंसा ने कांग्रेस के भीतर विवाद खड़ा कर दिया. कुछ कांग्रेस नेताओं, जैसे उदित राज, ने थरूर पर ‘बीजेपी के प्रवक्ता’ होने का आरोप लगाया. थरूर ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि उनके बयानों को तोड़ा-मरोड़ा गया. वह केवल राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं.

यदि देखा जाए तो समय-समय पर कांग्रेस नेता आतंकवाद और वैश्विक मुद्दों पर सरकार के साथ खड़े नजर आए, जिससे कांग्रेस के अंदर मतभेद भी देखा गया और पीएमओ द्वारा थरूर के ट्वीट को साझा करना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

वह इसलिए क्योंकि यह विपक्षी नेता के रुख को अप्रत्यक्ष रूप से मान्यता देता है. 10 जून को, पीएम मोदी ने थरूर सहित ऑपरेशन सिंदूर के प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों से मुलाकात की थी और उनकी सेवा के लिए धन्यवाद दिया. थरूर ने इस मुलाकात को ‘सौहार्दपूर्ण और अनौपचारिक’ बताया. इस बीच, बीजेपी नेताओं ने थरूर का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने ‘राष्ट्रीय हित को पार्टी हित से ऊपर रखा.’

थरूर के बार-बार मोदी सरकार की प्रशंसा करने और कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेद स्वीकार करने से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं. कुछ का मानना है कि थरूर पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असंतुष्ट हैं और भविष्य में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया कि वह देश की सेवा के लिए हमेशा तैयार हैं और अपने मतभेदों को पार्टी के भीतर ही सुलझाएंगे.

गौरतलब है कि, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखा. थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 33 देशों में भारत की आवाज बुलंद की.

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