लेह (लद्दाख): केंद्र शासित प्रदेश लेह में 24 सितंबर को पूर्ण राज्य के दर्जा को लेकर काफी हिंसा हुई थी. इस हिंसक विरोध-प्रदर्शन चार लोगों की मौत की खबर थी. वहीं, अभी भी यहां पर बीएनएसएस की धारा 163 लागू है. इस दौरान कहीं भी पांच या उससे अधिक लोगों का एकसाथ एकत्र होना प्रतिबंधित है. वहीं, प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना जुलूस, रैली या कोई मार्च निकालने की परमीशन नहीं है. लेह में हर जगह सुरक्षाकर्मी मौजूद है.
बता दें, लद्दाख के लोग केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. संविधान की छठी अनुसूची में अनुच्छेद 244(2) और 275(1) शामिल हैं, जिसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में प्रावधान का जिक्र है. हिंसक प्रदर्शन में शामिल 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी शामिल हैं. वह भूख हड़ताल पर थे, जिसे उन्होंने हिंसा भड़कने के ठीक बाद समाप्त कर दिया.
#WATCH | Ladakh: Prohibitions under Sec 163 of BNSS, 2023 continue to be imposed in Leh following the violence here on September 24. Assembly of five or more persons is banned in the district. No procession, rally or march to be carried out without prior written approval.… pic.twitter.com/MVPk1ipkOI
— ANI (@ANI) September 29, 2025
पांच साल के धोखे और अधूरे वादों का नतीजा
इसके बाद 26 सितंबर को पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान गोलीबारी की, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था और वह फिलहाल राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं. उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है. इससे एक दिन पहले, जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने लद्दाख विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया था. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह आंदोलन पांच साल के धोखे और अधूरे वादों का नतीजा है.
लेह में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रतिबंध जारी (ANI)
हिंसक प्रदर्शन में 90 लोग घायल
स्वतंत्रता आंदोलन और उसके परिणामस्वरूप हुई हिंसा की चर्चा के दौरान, हमीद कर्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में वही लोग हैं, जो 370 के दशक को गायब करने का जश्न मना रहे थे और उस दौरान सरकार द्वारा उनका इस्तेमाल किया गया था. कर्रा ने आगे कहा कि आज हम लद्दाख की एक बेहद संवेदनशील और राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करना चाहते हैं. हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की पहले ही मौत हुई है और लगभग 90 लोग घायल हुए हैं.
पढ़ें: लद्दाख समर्थन में DU छात्रों का प्रदर्शन, AAP ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार को घेरा
सोनम वांगचुक कड़े NSA के तहत गिरफ्तार, पुलिस ने लद्दाख से जोधपुर सेंट्रल जेल में किया शिफ्ट
लद्दाख हिंसा- केंद्र सरकार ने वांगचुक को बताया जिम्मेदार, 5 की मौत, शहर में कर्फ्यू, हिरासत में 50 लोग

