सांकेतिक तस्वीर. (Getty Image)
देहरादून: उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UK RERA) ने देहरादून में 163 बिल्डरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस भेजा है. इस कार्रवाई के बाद शहर भर के कई रियल एस्टेट बिल्डर में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं लगातार मनमानी करते आ रहे रियल एस्टेट बिल्डर्स को भी RERA की तरफ से एक चेतावनी है कि अब उनकी मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
RERA ने 163 बिल्डर को नोटिस भेजा: उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष अमिताभ मैत्रा ने बताया कि बिल्डर द्वारा जब भी कोई हाउसिंग कॉलोनी बनाई जाती है तो उसमें मौजूद कॉमन एरिया को नियमों के तहत रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन में रजिस्टर्ड करना होता है. लेकिन कई बिल्डर अपने प्रोजेक्ट का रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन में रजिस्टर्ड नहीं करा रहे है. इसी वजह से RERA ने 163 बिल्डर को नोटिस भेजा है.
RERA को राजस्व का भी नुकसान होता है: अमिताभ मैत्रा ने बताया कि कुछ बिल्डर RERA के इन नियमों का पालन नहीं कर रहे है, जो एक अपराध की श्रेणी में आता है. इसे न सिर्फ बिल्डर की मनमानी माना जाता है, बल्कि RERA को राजस्व का भी नुकसान होता है. प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद तो यह एक कानूनी अपराध के रूप में देखा जाता है.
उत्तराखंड में 643 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड: बता दें कि वर्तमान में अभी उत्तराखंड में 643 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है. इनमें से 163 ने अपना प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर लिया है. फिर भी उन्होंने कॉमन एरिया को नियमों के तहत रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन में रजिस्टर्ड नहीं कराया, जिसका RERA ने खुद की संज्ञान लिया. इसके बाद RERA की तरफ से ऐसे 163 प्रोजेक्ट को लेकर बिल्डरों को नोटिस भेजा गया है.
नोटिस में RERA की तरफ से बिल्डरों को प्रोजेक्ट के कॉमन एरिया को नियमों के तहत रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया है. यदि इसके बाद भी बिल्डर रजिस्ट्रेशन नहीं कराते है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे उसे हाउसिंग प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ सकता है.
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