नवीन उनियाल
देहरादून: उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए बाघों की गिनती सीखने का ट्रेनिंग ग्राउंड राजाजी टाइगर रिजर्व को बनाया गया है. जहां उत्तराखंड ही नहीं बल्कि, देश के दूसरे कई राज्यों के अधिकारी और एक्सपर्ट्स भी राजाजी टाइगर रिजर्व में लगने वाले क्लासरूम में बाघों की गिनती के गुर सीखेंगे. टाइगर काउंटिंग को लेकर क्या है, आगामी कार्यक्रम जानिए.
राजाजी टाइगर रिजर्व को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चुना गया: देशभर में साल 2026 को टाइगर एस्टीमेशन के लिए तय किया गया है. यानी बाघों की गिनती कर इनकी संख्या को जानने के लिए इस साल धरातल पर काम किया जाएगा. इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में फिलहाल प्रशिक्षण के काम को शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए देश के कई राज्यों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चुना गया है.
राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना को लेकर होगी खास ट्रेनिंग (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)
चार राज्यों के अफसर लेंगे प्रशिक्षण: नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए ट्रेनिंग ग्राउंड राजाजी टाइगर रिजर्व को बनाया है. यहां उत्तराखंड के अलावा बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन अधिकारी व कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए जल्द पहुंचने वाले हैं. जो यहां बाघों की गिनती की बारीकियां सीखेंगे.
दरअसल, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने देश के अलग-अलग क्षेत्र में वन कर्मियों और अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र तय किए हैं, जिसमें उत्तर भारत के इन राज्यों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व को चुना गया है. राजाजी टाइगर रिजर्व में उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों के अधिकारी, कर्मचारी और एक्सपर्ट बाघों की गिनती के तरीकों एवं तकनीक को समझेंगे.
राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट (फाइल फोटो- ETV Bharat)
भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक देंगे प्रशिक्षण: इस दौरान वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के टाइगर सेल से जुड़े वैज्ञानिक इसका प्रशिक्षण देने के लिए यहां पहुंचेंगे. वैसे तो बाघों के बारे में भी इस दौरान बताया जाएगा, लेकिन प्रशिक्षण के दौरान बाघों की मौजूदगी का पता लगाने वाली तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष तौर पर फोकस होगा.

वन भवन उत्तराखंड (फोटो- ETV Bharat)
तमाम पहलुओं पर होगी बात: जंगल में बाघों के पगमार्क से लेकर कैमरा ट्रैप तक, हर सुराग से असली गिनती कैसे की जाती है, इस पर एक्सपर्ट विभिन्न राज्यों के अधिकारियों और कर्मचारियों से बात करेंगे. बाघों की गिनती के लिए तय किए गए फॉर्मूले पर भी बात होगी और पुराने आंकड़ों के आधार पर क्षेत्र में टाइगर की संभावित संख्या का आकलन भी होगा.

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोसे (फोटो- ETV Bharat)
18 से 20 नवंबर के बीच होगी ट्रेनिंग: राजाजी टाइगर रिजर्व प्रबंधन को प्रशिक्षण की सभी तैयारी करने की जिम्मेदारी दी गई है. राजाजी टाइगर रिजर्व में 18 से 20 नवंबर तक इस प्रशिक्षण को दिया जाएगा. इसमें इन चारों ही राज्यों के उन अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है, जो टाइगर रिजर्व या टाइगर की मौजूदगी वाले रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.
“इस समय देशभर में टाइगर की गिनती के कार्यक्रम को लेकर तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में एनटीसीए ने राजाजी टाइगर रिजर्व को प्रशिक्षण के लिए चुना है, जहां पर प्रशिक्षण से जुड़ी सभी तैयारियां टाइगर रिजर्व प्रबंधन को करनी है.“- कोको रोसे, निदेशक, राजाजी टाइगर रिजर्व
ये भी पढ़ें-

