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जम्मू-कश्मीर में बारिश से फिर तबाही! डोडा में फटा बादल, …चिनाब नदी उफान पर, अब तक 3 लोगों की गई जान


डोडा: जम्मू संभाग में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन मध्यम से भारी बारिश होने के कारण कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया. डोडा जिले में लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं. इस कारण कई संपर्क सड़कों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्से बंद हो गए हैं. वहीं कई इलाकों में भारी बारिश से अब तक तीन लोगों के मारे जाने की खबर है.

इस विषय पर डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह का कहना है कि, तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. खासकर चिनाब नदी के इलाकों में तेज बारिश हो रही है. उन्होंने कहा कि, दो जगहों से बादल फटने की खबरें आई हैं, जिसके कारण नेशनल हाईवे 244 को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि, राहत बचाव कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि, अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. गंधोर में 2 और ठठरी सबडिवीजन में 1 व्यक्ति की मौत हुई है.

डोडा में एक लड़की की मौत
डोडा जिले में स्थिति खतरनाक है क्योंकि भारी बारिश के कारण भलेसा इलाके के अमृतपुरा इलाके में एक घर ढहने से एक लड़की की मौत हो गई. डोडा के डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह ने ईटीवी भारत को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, तमाम नदियां इस समय उफान पर हैं.

15 रिहायशी घरों को पहुंचा नुकसान

किश्तवाड़, डोडा और राजौरी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से लगभग 15 रिहायशी घरों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचने की भी सूचना है. भारी बारिश के कारण तीन पैदल पुल बह गए हैं. चिनाब नदी का उच्चतम जलस्तर 900 फीट है और वर्तमान में यह 899.3 मीटर तक पहुंच चुका है. चिनाब नदी के आस-पास और नदी से सटी सड़कों पर लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है. भारी बारिश के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

जम्मू में बारिश के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध
भारी बारिश के कारण लगभग सभी नदियां और बरसाती नाले खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रहे हैं, जिससे शहर और अन्य स्थानों के कई निचले इलाकों और सड़कों पर जलभराव हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले के चंद्रकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा में पहाड़ियों से पत्थर गिरने के बाद एहतियात के तौर पर 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सुबह यातायात रोक दिया गया.

उन्होंने बताया कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र बारहमासी राजमार्ग पर जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के काजीगुंड में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. अंतिम रिपोर्ट मिलने तक राजमार्ग पर भारी बारिश जारी थी.

अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ जिले में त्रेठ नाले के पास पाडर सड़क का एक हिस्सा बह गया, जबकि उधमपुर में रामनगर-उधमपुर सड़क और डोडा में जंगलवार-थाथरी सड़क क्रमशः कोंगा और थाथरी में भूस्खलन के बाद बंद कर दी गई. अधिकारियों ने बताया कि माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के पार पहुंच गया है और लगातार बढ़ रहा है, जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है.

उन्होंने बताया कि कठुआ में तरनाह नदी, उझ नदी, मग्गर खड्ड, सहार खड्ड, रावी नदी और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब है. अधिकारियों के अनुसार, उधमपुर जिले में तवी नदी खतरे के निशान 20 फुट को पार कर गई है, जबकि जम्मू में यह फिलहाल चेतावनी के निशान से नीचे बह रही है. चनाब नदी भी जम्मू क्षेत्र में चेतावनी स्तर के करीब बह रही है. उन्होंने बताया कि सांबा में बसंतर नदी भी आज सुबह खतरे के निशान 4.5 फुट को पार कर गई.

मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा कठुआ जिले में दर्ज की गई, जहां 155.6 मिलीमीटर बारिश हुई. इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिलीमीटर, जम्मू में 81.5 मिलीमीटर और कटरा में 68.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई.

अधिकारियों ने पहले ही परामर्श जारी कर लोगों से जलाशयों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की भी आशंका जताई गई है.

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