Homeउत्तराखण्ड न्यूजमहिलाओं के लिए देश के टॉप 10 असुरक्षित शहरों में देहरादून भी...

महिलाओं के लिए देश के टॉप 10 असुरक्षित शहरों में देहरादून भी शामिल! रिपोर्ट पर उठने लगे सवाल?


रोहित कुमार सोनी, देहरादून: देश के तमाम शहरों में महिला सुरक्षा को लेकर हाल ही में जारी राष्ट्रीय वार्षिक महिला सुरक्षा रिपोर्ट एवं सूचकांक (NARI 2025) में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 सबसे असुरक्षित शहरों में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून शहर भी शामिल है.

इसके बाद से ही राष्ट्रीय महिला आयोग के सर्वे पर सवाल उठाए जाने लगे हैं. जहां एक ओर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग इस रिपोर्ट को फर्जी करार दे रही है, तो वहीं कांग्रेस इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार पर सवाल उठाती नजर आ रही है.

देहरादून को लेकर नारी रिपोर्ट पर सवाल और सियासत (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

दरअसल, राष्ट्रीय वार्षिक महिला सुरक्षा रिपोर्ट एवं सूचकांक ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट को देशभर के 31 शहरों में 12,770 महिलाओं पर सर्वे कर तैयार किया गया है. इस सर्वे रिपोर्ट में महिलाओं की सुरक्षा धारणा, उत्पीड़न की घटनाओं और संस्थागत प्रतिक्रिया समेत अन्य तमाम पहलुओं को शामिल किया गया है.

पलटन बाजार में शॉपिंग करतीं महिलाएं (फाइल फोटो- ETV Bharat)

इस रिपोर्ट के आधार पर देहरादून का इस स्थिति में पहुंचना प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है. राष्ट्रीय वार्षिक महिला सुरक्षा रिपोर्ट एवं सूचकांक नारी 2025 के अनुसार, देश का राष्ट्रीय सुरक्षा स्कोर 64.6 फीसदी है.

सर्वे के मुताबिक, शहर में 21 फीसदी महिलाओं का शारीरिक और 10 फीसदी महिलाओं का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. इसके साथ ही 19 फीसदी महिलाओं को पड़ोसियों, 13 फीसदी महिलाओं से कार्यस्थल पर उत्पीड़न हो रहा है.

Dehradun City

देहरादून शहर में वाहन (फाइल फोटो- ETV Bharat)

उत्पीड़न की शिकार करीब 40 फीसदी महिलाओं ने शिकायत करने के बजाय उस क्षेत्र में जाना ही छोड़ दिया है. जबकि, 26 फीसदी महिलाओं ने उत्पीड़न की शिकायत अधिकारियों को दी और सिर्फ 4 फीसदी उत्पीड़न की शिकार महिलाओं ने पुलिस विभाग से मदद मांगी है.

महिला सुरक्षा में देहरादून फिसड्डी? वहीं, देहरादून शहर, राष्ट्रीय सुरक्षा स्कोर औसत से पीछे छूट गया है. क्योंकि, सर्वे में देहरादून शहर का सुरक्षा स्कोर 60.6 फीसदी पाया गया है. सर्वे में शामिल 50 फीसदी महिलाओं ने बताया कि वे अपने शहर में कम सुरक्षित या असुरक्षित मानती हैं.

Dehradun City

सामान खरीद कर जातीं महिलाएं (फाइल फोटो- ETV Bharat)

देहरादून में दिन और रात के समय सुरक्षा को लेकर महिलाओं की अलग-अलग धारणाएं है. जिसके तहत 70 फीसदी महिलाएं दिन के समय सुरक्षित महसूस करती हैं. जबकि, रात में सुरक्षित महसूस करने वाली महिलाओं का अनुपात घटकर 44 फीसदी रह जाता है. रात के समय 33 फीसदी महिलाएं सामान्य और 14 फीसदी महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं.

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने रिपोर्ट को किया खारिज: राष्ट्रीय वार्षिक महिला सुरक्षा रिपोर्ट एवं सूचकांक (नारी 2025) जारी होने के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में घमासान मच गया है. इस रिपोर्ट पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने सवाल उठाते इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है.

Dehradun City

देहरादून शहर का नजारा (फाइल फोटो- ETV Bharat)

“इस रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष से हमारी बात हुई है. बातचीत के दौरान आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि इस तरह का कोई भी सर्वे नहीं किया गया है. उत्तराखंड और देहरादून में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं. सरकार महिलाओं के साथ खड़ी हैं. राज्य महिला आयोग महिलाओं के बीच काम कर रहा है.”-कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग-

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया राज्य की छवि धूमिल करने का आरोप: वहीं, मामले में बीजेपी विधायक आशा नौटियाल ने सरकार का बचाव कर कांग्रेस पर ही राज्य की छवि खराब करने का आरोप मढ़ दिया है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है और आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन कांग्रेस गलत रिपोर्ट पेश कर रही है.

“कांग्रेस की ओर से गलत रिपोर्ट पेश कर उत्तराखंड की छवि को धूमिल किया जा रहा है. कांग्रेस की सरकार में मंत्री महिला अपराधों में लिप्त पाए जाते थे, लेकिन आज महिला अपराधों में लिप्त व्यक्तियों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है.”– आशा नौटियाल, विधायक, बीजेपी

“कई मामलों में अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा भी दी गई है. उत्तराखंड सरकार महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में तमाम निर्णय ले रही है. बावजूद इसके कांग्रेस देवभूमि की छवि को धूमिल करने का काम कर रही है.”– आशा नौटियाल, विधायक, बीजेपी

क्या बोली कांग्रेस? इस पूरे मामले पर कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने राज्य महिला आयोग और बीजेपी विधायक के आरोपों पर पलटवार कर जवाब दिया है. गरिमा ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता ही इस तरह की घटनाओं में लिप्त पाए जा रहे हैं. एक तरह से जंगल राज कायम हो गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि रिपोर्ट को नकार दिया जा रहा है.

Dehradun City

देहरादून में शॉपिंग करतीं युवतियां (फाइल फोटो- ETV Bharat)

“जिस रिपोर्ट की बात पूरा उत्तराखंड कर रहा है, उस रिपोर्ट को लेकर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और बीजेपी विधायक आशा नौटियाल कह रही हैं कि ऐसा कोई सर्वेक्षण हुआ ही नहीं.”– गरिमा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

“दूसरों के कहने पर ये नेत्रियां कठपुतलियों की तरह बयान देने लग जाती हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट में इस कार्यक्रम और सर्वे का जिक्र किया गया है, लेकिन महिला सुरक्षा की रिपोर्ट सरकार को अलार्म नहीं कर रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.”– गरिमा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

ये भी पढ़ें-

एक नजर