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पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बातचीत की, जानें क्या कहा?


नई दिल्ली: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध जारी है. इस युद्ध में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है. अमेरिका ने रविवार को ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर भीषण हमला किया. इस हमले के बाद क्षेत्र में तनाव बड़ गया है . इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की है.

इस संबंध में पीएम मोदी ने मोदी ने ट्वीट किया, “हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की. हाल ही में हुई तनातनी पर गहरी चिंता व्यक्त की. आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की शीघ्र बहाली की बात कही.”

45 मिनट तक हुई चर्चा
सूत्रों के मुताबिक ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमले के मद्देनजर ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन ने यह कॉल की थी. ​​राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी. यह कॉल 45 मिनट तक चली.

राष्ट्रपति ने भारत को क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने वाला मित्र और साझेदार बताया और भारत के रुख और तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति के आह्वान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.

ईरान का पलटवार
बता दें कि पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से ऐसे समय में बात की है, जब अमेरिकी हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमला किया. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने चेतावनी भी दी है.

‘एनपीटी का गंभीर उल्लंघन’
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है.

‘सभी को चिंतित होना चाहिए’
उन्होंने आगे कहा कि आज सुबह की घटनाएं बहुत ही अपमानजनक हैं.संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य को इस बेहद खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार को लेकर चिंतित होना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इसके प्रावधानों के अनुसार आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की अनुमति देते हुए, ईरान अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है.”

ईरान पर अमेरिका का हमला
इससे पहले रविवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के इजराइल के प्रयास में शामिल होते हुए, अमेरिका ने आज देश में तीन स्थलों पर हमला किया, अमेरिका ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़े भारी किलेबंद स्थलों को नष्ट करने के लिए अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर्स और 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) के बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया.

इजराइल का हमला और अमेरिका के बाद के हमले तब हुए जब वाशिंगटन और तेहरान परमाणु समझौते के लिए बातचीत कर रहे थे, जिसका उद्देश्य ईरान को हथियार-ग्रेड यूरेनियम विकसित करने से रोकना था. अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, इस्फ़हान और नतांज़ परमाणु स्थलों पर हमला किया।

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