डोबरा चांठी ब्रिज (ETV Bharat)
नई टिहरी/हलद्वानी: टिहरी झील के ऊपर बने उत्तराखंड के सबसे ऊंचे लंबे सस्पेंशन डोबरा चांठी ब्रिज के ऊपर स्कूली बच्चों ने दौड़ लगाकर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई. इस मौके छात्रों ने डोबरा चांठी ब्रिज पर एकता दौड़ लगाई. इसके साथ ही पुल पर रैली भी निकाली गई. सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर छात्रों को उनके जीवन से जुड़े किस्से सुनाये गये. साथ ही छात्रों को लौह पुरुष के योगदान की जानकारी भी दी गई.
हल्द्वानी में शुक्रवार को पुलिस विभाग की ओर से भव्य रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर शहर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, पुलिस कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरदार पटेल के विचारों को जन-जन तक पहुXचाना और राष्ट्रीय एकता, अखंडता व भाईचारे का संदेश देना रहा. हल्द्वानी के पुलिस लाइन मैदान से शुरू हुई इस रन फॉर यूनिटी रैली को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंजुनाथ टीसी और एडीएम विवेक राय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
बता दें गुजरात के एकतानगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में 1 से 15 नवंबर तक भारत पर्व 2025 का आयोजन भी किया जाएगा. भारत पर्व के दौरान, भारत की समृद्ध विरासत और विविधता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत पर्व दिल्ली से बाहर गुजरात के एकता नगर में आयोजित किया जा रहा है. भारत पर्व एक वार्षिक आयोजन है जो भारत की सांस्कृतिक समृद्धि, पारंपरिक व्यंजनों और कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करता है, साथ ही राष्ट्रीय एकता और गौरव की भावना को बढ़ावा देता है.
इसके साथ ही देश के दूसरे राज्यों में भी राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाये जा रहे हैं. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में यूनिटी मार्च वॉकथॉन का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ सीएम धामी ने किया. ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर पदयात्रा भी निकाली गई. जिसमें भी सीएम धामी शामिल हुये. इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने एवं नशा मुक्त भारत अभियान से जुड़ने का संकल्प दिलाया गया. सरदार वल्लभभाई पटेल भारत की एकता, अखंडता और संकल्प के प्रतीक हैं. स्वतंत्रता संग्राम में उनके अद्वितीय योगदान और अनेकों रियासतों का भारत में विलय कराने में उनकी निर्णायक भूमिका ने उन्हें “लौह पुरुष” के रूप में अमर कर दिया.
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