अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमले का निरीक्षण करते स्थानीय लोग (AP)
दोहा: पाकिस्तान और अफगानिस्तान भीषण सीमा संघर्ष के बाद तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं. कतर ने इसकी जानकारी देते हुए घोषणा की कि दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है. इसी के साथ दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने को लेकर योजना तैयार की गई है. बता दें कि शनिवार को पाकिस्तानी हवाई हमले में तीन अफगान क्रिकेटरों सहित 17 लोग मारे गए थे. ये हमले अरगुन और बरमल जिलों के रिहायशी इलाकों में किए गए जिससे बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए.
यह घोषणा कतर के विदेश मंत्रालय द्वारा शनिवार (स्थानीय समय) को जारी एक बयान में की. ये दोहा में कतर और तुर्की की मध्यस्थता से प्राप्त एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है. कतर के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों को बनाए रखने को लेकर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आने वाले दिनों में बैठकें की जाएंगी.
बयान में कहा गया, ‘इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दोहा में कतर और तुर्की की मध्यस्थता में वार्ता का एक दौर आयोजित किया गया. वार्ता के दौरान दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए.’
इसमें आगे कहा गया, ‘दोनों पक्ष आने वाले दिनों में युद्धविराम की स्थिरता सुनिश्चित करने और विश्वसनीय एवं टिकाऊ तरीके से इसके कार्यान्वयन की पुष्टि करने के लिए फॉलोअप बैठकें आयोजित करने पर भी सहमत हुए. इससे दोनों देशों में सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने में योगदान मिलेगा.’
कतर के विदेश मंत्रालय ने भी आशा व्यक्त की है कि यह सफलता पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तनाव कम करने और क्षेत्र में स्थायी शांति की नींव रखने में मदद करेगी. बयान के अंत में विदेश मंत्रालय ने कतर की आशा व्यक्त की है कि यह महत्वपूर्ण कदम दोनों भाईचारे वाले देशों के बीच सीमा पर तनाव को समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में योगदान देगा.’
दोहा में यह बैठक शुक्रवार को अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी पक्तिका प्रांत में पाकिस्तान द्वारा किए गए घातक युद्धविराम उल्लंघन के बाद हुई. इन हमलों में तीन अफगान क्रिकेटरों सहित 17 लोग मारे गए थे. हवाई हमले अरगुन और बरमल जिलों के रिहायशी इलाकों में किए गए. इससे बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए.
अफगानिस्तान ने सीमा संघर्षों की शुरुआत के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया
अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने शनिवार (स्थानीय समय) को सीमा पर हाल ही में बढ़े संघर्षों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस्लामाबाद ने अफगान क्षेत्र का उल्लंघन करके संघर्ष की शुरुआत की.
सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के अनुसार यह टिप्पणी अफगान प्रधानमंत्री के मलेशियाई समकक्ष दातो मोहम्मद अनवर इब्राहिम के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान की.
अफगानिस्तान की ओर से कहा गया कि काबुल संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तानी हमले के बाद उसे जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा. बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और हालिया सीमा तनाव पर चर्चा की.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को इस्लामाबाद द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में किए गए सिलसिलेवार हवाई हमलों में तीन अफगान क्रिकेटरों समेत 17 लोगों की मौत के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच यह बातचीत कतर की राजधानी दोहा में पाकिस्तानी और अफगान प्रतिनिधिमंडलों के बीच चल रही शांति वार्ता के बीच हुई.
अफगानिस्तान ने शहबाज शरीफ के ट्रंप की प्रशंसा को शर्मनाक बताया
अफगानिस्तान के उप गृह मंत्री मोहम्मद नबी ओमारी ने अफगानिस्तान में हाल ही में किए गए हवाई हमलों के लिए पाकिस्तान की सैन्य सरकार की तीखी आलोचना की.उन्होंने शहबाज शरीफ के ट्रंप की प्रशंसा को शर्मनाक बताया. साथ ही कहा कि ये हमले दूसरों के उकसावे पर किए गए.
काश शहबाज शरीफ मुसलमान न होते:नबी ओमारी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कड़ी आलोचना करते हुए ओमारी ने मिस्र के रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उनकी हालिया प्रशंसात्मक टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त दी. उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात पर शर्मिंदगी महसूस हुई कि काश (शहबाज शरीफ) मुसलमान न होते.’
इजराइल और हमास के बीच बंधकों की अदला-बदली के बाद ट्रंप सहित कई विश्व नेताओं की उपस्थिति में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशंसा की और उन्हें शांति पुरुष बताया.
पाकिस्तान अपनी आजादी के लिए अफगान लड़ाकों का ऋणी है: नबी ओमारी
ओमारी ने पाकिस्तान के इस दावे का भी खंडन किया कि अफगान तालिबान पाकिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात ने पाकिस्तानी तालिबान को शरण नहीं दी है. वे कबायली इलाकों में तैनात हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान अपनी आजादी के लिए अफगान लड़ाकों का ऋणी है और कहा, अगर मुजाहिदीन न होते तो आज पाकिस्तान भी रूस के कब्जे में होता.’

