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कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द करने का आदेश


चेन्नई: कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 17 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी की मंजूरी रद्द करने का आदेश दिया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से हुई 17 बच्चों की लगातार मौतों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.

मृतक बच्चों के गुर्दे के ऊतकों में ‘डाइथिलीन ग्लाइकॉल’ (डीईजी) नामक एक रसायन पाया गया. जाँच से पता चला कि इन मौतों का कारण ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ नामक कफ सिरप था. इसमें एक जहरीला रसायन मिला हुआ था. यह दवा तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के सुंगुवरचत्रम स्थित श्रीसेन फार्मा द्वारा निर्मित की जाती थी.

इसी सिलसिले में पिछले शुक्रवार को अधिकारियों ने श्रीसेन फार्मा के दवा निर्माण संयंत्र का निरीक्षण किया. उस समय दवा निर्माण में इस्तेमाल होने वाले नमूने जब्त किए गए थे. इसमें 48.6फीसदी रसायन ‘डायएथिलीन ग्लाइकॉल’ मिला हुआ था जो जीवन के लिए हानिकारक है. इसके चलते श्रीसेन फार्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर कंपनी को सील कर दिया गया है.

इस संदर्भ में राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय द्वारा इस मामले में उठाए गए कदमों के बारे में जारी एक बयान में कहा गया, ‘प्रभावित राज्यों ने खांसी की दवा कोल्ड्रिप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 1 अक्टूबर को राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड को एक पत्र भेजा था. इसके बाद औषधि नियंत्रण के उप निदेशक गुरुभारती के नेतृत्व में एक टीम ने उसी दिन कांचीपुरम जिले के सुंगुवरचत्रम में श्रीसन फार्मा कंपनी का निरीक्षण किया और विवादास्पद दवा कोल्ड्रिप सहित 5 दवाओं का विश्लेषण किया.

इसमें पाया गया कि 2 तारीख को कोल्ड्रिप दवा में 48.6 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल नामक विषैला रसायन मौजूद था. इसके बाद पूरे तमिलनाडु में कोल्ड्रिप दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया. चूँकि कोल्ड्रिप दवा तमिलनाडु से ओडिशा और पुडुचेरी राज्यों को भेजी जाती है, इसलिए संबंधित राज्यों को ईमेल के जरिए भी सूचना भेज दी गई. इसके अलावा, कंपनी का उत्पादन बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया और अधिकारियों ने 3 तारीख को श्रीसेन फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की.

इस बीच श्रीसेन फार्मा कंपनी का दवा लाइसेंस पूरी तरह से रद्द क्यों कर दिया गया? एक ज्ञापन भेजकर स्पष्टीकरण माँगा गया है कि ऐसा क्यों नहीं किया जाना चाहिए. इसके लिए 12 तारीख तक की समय सीमा दी गई है. ऐसे में समय सीमा समाप्त होने के बाद तमिलनाडु चिकित्सा एवं जन कल्याण विभाग के प्रधान सचिव सेंथिलकुमार ने श्रीसेन फार्मा कंपनी का दवा निर्माण लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है.

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