रुद्रप्रयाग/उत्तराखंड: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इटावा में केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवाये जाने से केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश फैल गया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर निर्माण का विरोध किया गया, ठीक उसी तरह केदारेश्वर मंदिर का भी विरोध किया जाएगा. इसके लिए अगर तीर्थ पुरोहितों को सपा प्रमुख के घर के बाहर भी धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा तो तीर्थ पुरोहित पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, इस मामले में बीकेटीसी के चुप्पी साधने पर भी तीर्थ पुरोहित समाज ने सवाल खड़े किए हैं.
बता दें उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया है. इस मंदिर के निर्माण से केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश पनप गया है. तीर्थ पुरोहित अब विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.
चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बयान जारी करते हुए कहा केदारनाथ धाम का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जो श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. इसलिए, इसी नाम और स्वरूप का मंदिर किसी अन्य राज्य में बनाए जाने से धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन हो रहा है. यूपी के इटावा में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण हुआ है, जो सरासर केदारघाटी वासियों के साथ ही देश-विदेश के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र के साथ खिलवाड़ है.
उत्तराखंड की कैबिनेट में प्रस्ताव मंजूर हुआ था कि कई भी केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण नहीं होगा, बावजूद इसके इटावा में केदारेश्वर मंदिर का निर्माण केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर की तरह किया गया, ये सरासर गलत है. दिल्ली में मंदिर निर्माण कार्य का विरोध किया गया. अब चारधाम महापंचायत चुप नहीं बैठेगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के साथ ही उनकेघर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
संतोष त्रिवेदी, उपाध्यक्ष, चारधाम महापंचायत
वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा पहले भी केदारनाथ धाम नाम से दिल्ली में एक मंदिर का निर्माण कार्य जा रहा था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ. बाद में उस मंदिर के निर्माण कार्य को रोक दिया गया. अब इटावा में मंदिर निर्माण के चलते एक बार फिर से केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश पैदा हो गया है. उन्होंने इस मामले में बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में बीकेटीसी यात्रियों को कोई सुविधा नहीं दे पा रही है, जबकि बीकेटीसी का कमाई पर पूरा ध्यान है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक बार भी केदारनाथ धाम नहीं आए. उन्होंने इटावा में केदारनाथ धाम का प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण करवा दिया. उन्होंने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि इटावा में बने केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का नाम, कलर और मॉडल चेंज किया जाये, अन्यथा केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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