देहरादून: कारगिल विजय दिवस 2025 से एक दिन पहले यानी 25 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है. परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि 50 लाख रुपए से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा परमवीर चक्र विजेताओं को सालाना अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रुपए भी मिलते रहेंगे.
सीएम धामी ने की अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा: दरअसल, सीएम धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के मौके पर इस समारोह का आयोजन किया गया था.
इसके बाद सैनिक कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सीएम धामी को मंजूरी के लिए भेजा था. जिस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपनी सहमति जता दी है. ऐसे में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि में सीधे एक करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है.
परमवीर चक्र विजेताओं को मिलेगा डेढ़ करोड़ का अनुदान: जून 2022 से पहले परमवीर चक्र विजेता को मिलने वाली अनुग्रह राशि 30 लाख रुपए थी. कैबिनेट ने 10 जून 2022 को इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने का निर्णय लिया. इसके बाद इस संबंध में साल 2022 में 14 जुलाई को शासनादेश भी जारी किया गया. ऐसे में अब राज्य सरकार ने एकमुश्त धनराशि को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए कर दिया है.
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण सुरक्षित हैं. ऐसे में हर नागरिक का ये कर्तव्य है कि वो सैनिकों की वीरता, समर्पण और बलिदान का सम्मान करें. उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है, जिसने देश को अनेक वीर सैनिक दिए हैं.
“एक जवान और उसके परिवार का जीवन अनुशासन, त्याग और सेवा की मिसाल होता है. सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए निरंतर ठोस और प्रभावी निर्णय ले रही है.”- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
बता दें कि सीएम धामी ने यह घोषणा कारगिल विजय दिवस से एक दिन पहले की है. साल 1999 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच हुए कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवानों ने शहादत दी थी. 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर विजय हासिल की थी. इसी वजह से 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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