एर्नाकुलम: यमन में एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सज़ा काट रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी 16 जुलाई को तय की गई है. सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल फोरम के संयोजक बाबू जॉन ने पुष्टि की है कि यमन के अभियोजन महानिदेशक ने जेल प्रशासन को फांसी की सज़ा लागू करने का आदेश सौंप दिया है.
रिहाई की उम्मीदें बरकरार, 7.5 करोड़ रुपये ‘ब्लड मनी’ का प्रस्ताव
फिर भी, निमिषा की रिहाई के लिए प्रयास अंतिम समय तक जारी हैं. बाबू जॉन के अनुसार, 7.5 करोड़ रुपये की ब्लड मनी (रक्त-पुण्य राशि) मृतक यमनी नागरिक तालाल अब्दुल महदी के परिवार को पेश की गई है. अगर मृतक के परिजन इस राशि को स्वीकार कर क्षमा दे देते हैं, तो निमिषा की फांसी टल सकती है. एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि अब भी क्षमा मिलने की संभावना बनी हुई है.
ईरान की मध्यस्थता विफल, पश्चिम एशियाई तनाव बना बाधा
फोरम को उम्मीद थी कि ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची द्वारा हूथी विद्रोही गुट के नेता अब्दुल सलाम के साथ हुई बातचीत निर्णायक साबित होगी. यह माना जा रहा था कि ईरान की मध्यस्थता से मृतक के परिवार के साथ बातचीत को सफलता मिल सकती है. हालांकि, पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष के कारण ये प्रयास विफल हो गए.
2017 की घटना
निमिषा प्रिया, जो केरल के पालक्काड जिले के कोलेंगोड की निवासी हैं, 2012 में शादी के बाद यमन गई थीं. पति टॉमी के साथ उन्होंने वहाँ जीवन बसाया. बाद में उन्होंने यमन के नागरिक तालाल अब्दुल महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया. क्लिनिक शुरू होने के बाद उनके पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन युद्ध के चलते निमिषा यमन में ही फंसी रहीं.
शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न, पासपोर्ट जब्त
क्लिनिक साझेदार तालाल महदी ने निमिषा और एक अन्य यमनी महिला पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया. दोनों का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया. लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर दोनों महिलाओं ने तालाल को इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया और पासपोर्ट लेकर भाग गईं.
हत्या का आरोप और मौत की सजा
बाद में पुलिस ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया. जब क्लिनिक से तालाल अब्दुल महदी का शव बरामद हुआ, तो निमिषा पर हत्या का आरोप लगाया गया. यमनी अदालत में निमिषा यह साबित नहीं कर सकीं कि उन्होंने हत्या नहीं की. अंततः अदालत ने निमिषा को मौत की सजा और यमनी महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
सभी कानूनी रास्ते बंद, अब सिर्फ क्षमा ही आखिरी उम्मीद
यमनी ट्रायल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने निमिषा की अपील खारिज कर दी है. ऐसे में अब मृतक के परिवार की क्षमा ही निमिषा की जान बचा सकती है. सेव निमिषा प्रिया फोरम और एक्शन कमेटी के सदस्य अभी भी आशा लगाए हुए हैं कि अंतिम समय में मृतक के परिवार से क्षमा मिल जाए.
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