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त्योहारों के दौरान देश में हिंसा भड़काने की साजिश! NIA ने जारी किया अलर्ट


वाहन की जांच करते हुए सुरक्षाकर्मी (File Photo / ANI)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की साइबर यूनिट ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी गतिविधियों की निगरानी तेज कर दी है और संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. एनआईए को सूचना मिली है कि जिहादी संगठन त्योहारों के दौरान देश भर में विभिन्न स्थानों पर आतंक फैलाने की कोशिश कर सकते हैं. दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी को ये इनपुट बिहार के एक प्रवासी मजदूर से पूछताछ के बाद मिले थे, जिसे एनआईए ने अप्रैल में तमिलनाडु से गिरफ्तार किया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को ईटीवी भारत को बताया, “हमें जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के जरिये हिंसा भड़का रहे हैं.”

खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक ताकतें त्योहारी सीजन के दौरान आतंक फैलाने की कोशिश कर सकती हैं. अधिकारी ने आगे कहा, “पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. सभी राज्य पुलिस बलों को अधिकतम सतर्कता बनाए रखने को कहा गया है.”

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसी साल अप्रैल में तमिलनाडु के चेंगलपट्टू से अखलातुर उर्फ ​​मोहम्मद अखलाक मुजाहिद को गिरफ्तार किया था. एनआईए की जांच के अनुसार, बिहार के कटिहार जिले का निवासी अखलातुर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल था.

एनआईए ने कहा, “वह साइबर स्पेस के जरिये पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं के संपर्क में था और उनके साथ मिलकर दूसरे धर्मों के लोगों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था. अखलातुर ने देश को अस्थिर करने के लिए हमले को अंजाम देने के लिए हथियार खरीदने के इरादे से हथियारों और हथियार डीलरों से संपर्क करने की भी कोशिश की थी.”

लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अन्य सहित कई पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन देश भर के भोले-भाले युवाओं को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा, “विभिन्न राज्यों की साइबर सुरक्षा इकाइयों को भी अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि वे भी भारत विरोधी गतिविधियों पर नजर रख सकें.”

सुरक्षा विशेषज्ञ का बयान
ईटीवी भारत से बात करते हुए, सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर बीके खन्ना ने कहा कि आतंकवादी संगठन निश्चित रूप से भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करेंगे. खन्ना ने कहा, “चूंकि आतंकवादी संगठनों के लिए भारत में युवाओं को प्रभावित करने के लिए सीमा पार से अपने लोगों को भेजना असंभव हो गया है, इसलिए वे अब युवाओं को प्रभावित करने और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बड़ा झटका लगने के बाद, आतंकवादी संगठन भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बेताब हैं. खन्ना ने कहा, “इस प्रवृत्ति को समझते हुए, भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने भी किसी भी तरह के संकट से निपटने के लिए खुद को तैयार कर लिया है, चाहे वह सोशल मीडिया के माध्यम से ही क्यों न हो.”

बड़े डेटा विश्लेषण को सक्षम बनाने और विभिन्न जांच प्रक्रियाओं, प्रक्रियाओं के स्वचालित रूप से संचालन और डिजिटलीकरण को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रीय आतंकवाद डेटा संलयन और विश्लेषण केंद्र (NTDFAC) की स्थापना की गई है ताकि निगरानी को मजबूत किया जा सके और दक्षता, स्थिरता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके.

इस कार्यक्रम के तहत, राष्ट्रीय जांच एजेंसी अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साइबर अधिकारियों को चेहरे की पहचान द्वारा आतंकवादी सदस्यों का पता लगाने के लिए एक केंद्रीय डेटाबेस के उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है.

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