देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में पहली बार ‘चाय पर चर्चा’ का एक नया प्लान तैयार हुआ है. इसके तहत हफ्ते में एक दिन विभाग के अधिकारी विभिन्न योजनाओं पर अपने सुझाव दे सकेंगे. यही नहीं इस दौरान आपसी समन्वय को बेहतर करने के प्रयास भी किए जाएंगे.
वन विभाग में हर शुक्रवार अफसरों के पास विभिन्न योजनाओं पर अपना विचार रखने का मौका होगा, यही नहीं किसी भी तरह की समस्या या विभाग के भीतर बेहतरी के लिए अधिकारी आपस में बात कर सकेंगे. प्रमुख वन संरक्षक हॉफ समीर सिन्हा ने इसके लिए हफ्ते में एक दिन तय किया है, जिसमें गर्मा-गर्मा चाय के साथ अधिकारी हफ्ते भर के कार्यक्रम या निर्णय को लेकर आपस में चर्चा कर सकेंगे.
राज्य वन विभाग में अफसरों के बीच समन्वय की भारी कमी होने की बात सामने आती रही है. विभाग के भीतर ही अधिकारियों में एकरूपता नहीं होने से भी समस्या आती है. शायद यही कारण है कि विभाग के नए मुखिया ने अधिकारियों के बीच टीम भावना को बढ़ाने के लिए इस नए प्रयास को आगे बढ़ाया है.
प्रयास रहा है कि विभाग एक टीम के रूप में काम करें और अधिकारी अपनी समस्याएं और सुझाव भी प्रत्येक योजना पर दे सकें. विभाग में अधिकारियों के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है और इसलिए सभी अधिकारियों से उनके अनुभव का लाभ लेने का प्रयास इसके जरिए किया जाएगा. इसमें सभी अधिकारी अपनी बात रख सकते हैं और विभाग में कैसे बेहतर किया जाए इसके लिए भी सबके सुझाव इसमें आ सकते हैं.
समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक हॉफ, उत्तराखंड वन विभाग
वन विभाग में यह व्यवस्था वन मुख्यालय में मौजूद अफसरों के लिए की गई है. यहां पर मुख्य वन संरक्षक (PCCF) से लेकर CF स्तर तक के अधिकारियों के कार्यालय मौजूद हैं. सभी के पास अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं, लेकिन यह अधिकारी इसकी अतिरिक्त दूसरे कई विभागों में काम का अनुभव रखते हैं. जाहिर है कि ऐसा करने से इनके बीच आपसी समन्वय की कमी को दूर किया जा सकेगा और चर्चा के जरिए कुछ नए कामों को भी आगे बढ़ाया जा सकेगा.
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