देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है. बेरोजगार युवाओं का सड़कों पर उतरकर आंदोलन जारी है. अब युवाओं को जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन से मिलने लगा है. इस कड़ी में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर पेपर लीक मामले में सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है.
उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक मामले में एक तरफ बेरोजगार युवाओं का आंदोलन लगातार जारी है तो दूसरी तरफ अब यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी उनको समर्थन देते हुए उनकी सीबीआई जांच की मांग को सही ठहरा दिया है. इस मामले में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात की और उन्हें अपना ज्ञापन भी सौंपा.
राजभवन से बाहर आते यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल (फोटो- ETV Bharat)
पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग: दरअसल, प्रदेश में पेपर लीक प्रकरण पर जमकर विवाद हो रहा है. उत्तराखंड बेरोजगार संघ मामले की सीबीआई जांच करने के साथ ही परीक्षा को निरस्त किए जाने की भी मांग कर रहा है. खास बात ये है कि अब तक जो आंदोलन केवल बेरोजगारों तक दिखाई दे रहा था, अब उसमें जनप्रतिनिधि भी अपना समर्थन देते हुए दिखाई दे रहे हैं.
क्या बोले निर्दलीय विधायक संजय डोभाल? यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल का कहना है कि उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह से मुलाकात की है. जिसमें उनसे सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच किए जाने की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि इस मामले में राज्यपाल ने भी गंभीरता दिखाई है. उन्होंने प्रकरण पर सीबीआई जांच को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है.

विधायक संजय डोभाल ने पेपर लीक मामले की CBI जांच की रखी मांग (फोटो- ETV Bharat)
खास बात ये भी है कि पेपर लीक मामले में बेरोजगार संघ ने ही सबसे पहले पेपर लीक होने की बात सार्वजनिक की थी. इतना ही नहीं बेरोजगार संघ परीक्षा होने से पहले ही पेपर के लीक होने का अंदेशा जता रहा था. ऐसे में संजय डोभाल कहते हैं कि ‘राज्य में पुलिस या एसटीएफ के अलावा दूसरी तमाम एजेंसियां फेल साबित हुई है और उनसे ज्यादा नेटवर्क बेरोजगार संघ का दिखाई देता है.‘
बेरोजगारों को सरकार पर विश्वास नहीं: ऐसे में पेपर लीक मामले पर बेरोजगारों को सरकार पर विश्वास नहीं है और ना ही सरकार की एजेंसी पर ही कोई भरोसा रह गया है. जिसके कारण एसआईटी यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) जांच के आदेश को भी बेरोजगार नहीं मान रहे हैं. इसलिए प्रकरण की सीबीआई जांच ही इसका एकमात्र रास्ता रह गया है.
पेपर लीक मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई? बता दें कि बीती 21 सितंबर (रविवार) को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के करीब 35 मिनट बाद ही प्रश्न पत्रों से जुड़े स्क्रीनशॉट्स बाहर आ गए. जिससे आयोग में हड़कंप मच गया था. यह पेपर हरिद्वार जिले के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट से आउट हुआ था.
इस मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके साथ ही जिस सेंटर से परीक्षा आउट हुआ था, वहां तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है. केएन तिवारी ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक हैं.
इसके अलावा प्रश्न पत्र को हल करने वाली राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भी निलंबित किया गया है. प्रो. सुमन को गलत नीयत से पेपर लीक में भूमिका निभाने को लेकर प्राथमिक दृष्टया आरोपी माना गया है. इसके साथ ही बहादरपुर जट में तैनात सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी पर भी गाज गिरी है, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है.
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