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ममता बनर्जी ने राज्य सरकार से परामर्श के बिना की गई नियुक्ति पर पुनर्विचार करने और उसे रद्द करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (File) (AFP)

By ETV Bharat Hindi Team
Published : October 18, 2025 at 6:51 PM IST
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Updated : October 18, 2025 at 6:57 PM IST
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डुआर्स में गोरखा समूहों के साथ बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किये गये रिटायर आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह को हटाने की मांग की है. 18 अक्टूबर को लिखे अपने पत्र में, बनर्जी ने केंद्र सरकार के इस कदम को ‘एकतरफा’ और ‘सहकारी संघवाद की भावना के साथ असंगत’ बताया.
ममता ने दो पृष्ठों के पत्र में कहा, “यह नियुक्ति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी परामर्श के बिना की गई है, जबकि विचाराधीन मुद्दे सीधे तौर पर गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के शासन, शांति और प्रशासनिक स्थिरता से संबंधित हैं, जो पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय है. इस तरह की एकतरफा कार्रवाई सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत है, जो हमारे संविधान के आधारभूत सिद्धांतों में से एक है.”
Here goes my letter to the Hon’ble Prime Minister of India, communicating my surprise and shock at the unilateral appointment by the Government of India of an interlocutor for the issues relating to Gorkhas in Darjeeling Hills, Tarai and Dooars regions of West Bengal. pic.twitter.com/nNN1OtqAeY
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 18, 2025
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि जीटीए का गठन जुलाई 2011 में केंद्र, राज्य सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बीच तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुए एक त्रिपक्षीय समझौते के बाद हुआ था. इस समझौते का उद्देश्य शांति और जातीय सद्भाव को बनाए रखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करना था.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने लिखा, “हमारे राज्य के पहाड़ी जिलों में शांति और सद्भाव कायम है. यह 2011 में सत्ता में आने के बाद से हमारी सरकार द्वारा किए गए ठोस और निरंतर प्रयासों से संभव हुआ है.” उन्होंने आगे कहा कि कोई भी एकतरफा कदम क्षेत्र में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति को भंग कर सकता है. मुख्यमंत्री ने मोदी से राज्य सरकार से ‘पूर्व और उचित परामर्श’ के बिना की गई नियुक्ति पर ‘पुनर्विचार करने और उसे रद्द करने’ का आग्रह किया.
ममता बनर्जी ने आगाह किया, “इस संवेदनशील मामले में कोई भी एकतरफा कार्रवाई क्षेत्र में शांति और सद्भाव के हित में नहीं होगी.” प्रधानमंत्री को ‘हैप्पी दिवाली’ की शुभकामना देते हुए एक हस्तलिखित नोट के साथ पत्र का समापन करते हुए बनर्जी ने संघवाद की सच्ची भावना और केंद्र तथा राज्यों के बीच आपसी सम्मान के साथ पहाड़ियों में शांति बनाए रखने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
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Last Updated : October 18, 2025 at 6:57 PM IST
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