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साल 2019 और 2021 की तरह चुनावी राज्य में उत्तराखंड से जाएगा संदेश! जानिए पीएम मोदी के दौरे के सियासी मायने


उत्तराखंड में पीएम मोदी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

किरनकांत शर्मा

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेता इस वक्त बिहार चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं. 9 नवंबर को बिहार में चुनावी शोर थम जाएगा. बिहार चुनाव के बीच ही पीएम मोदी एक बार फिर से उत्तराखंड आ रहे हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के भागदौड़ के बीच भी पीएम मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंचे थे. जहां उन्होंने बाबा केदार की धरती से अपना संबोधन दिया था.

उधर, देश में लोकसभा चुनाव के लिए जनता मतदान कर रही थी. इधर, पीएम मोदी केदारनाथ से देश को आध्यात्मिक संदेश देने का काम कर रहे थे. अब बिहार चुनाव के बीच एक बार फिर से पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड आ रहे हैं. इस बार पीएम द्रोण नगरी देहरादून से कोई बड़ा संदेश उत्तराखंड और बिहार को देते नजर आ सकते हैं.

PM Modi in Harsil

पीएम मोदी का स्वागत करते सीएम पुष्कर धामी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

पहले केदारनाथ, अब देहरादून: जब 11 नवंबर को बिहार में मतदाता मतदान केंद्रों पर अपनी सरकार चुनने में व्यस्त होंगे, ठीक उससे पहले पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे हैं. जिसके तहत पीएम मोदी देहरादून में उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे.

वहीं, राजनीतिक गलियारों में इस कार्यक्रम को न सिर्फ एक सरकारी उत्सव नहीं, बल्कि चुनावी संदेश देने के मंच के रूप में भी देखा जा रहा है. क्योंकि, जिस राज्य में गंगा बहती हो, बड़े तीर्थ हों, वहां से बोला गया एक-एक शब्द बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.

क्या करेंगे पीएम मोदी? उत्तराखंड राज्य को बने 25 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी राज्य को विकास की नई दिशा देने से जुड़े रोडमैप पेश करेंगे. मुख्यमंत्री सचिव बंशीधर तिवारी की मानें तो मोदी यहां से विकसित उत्तराखंड विकसित भारत का संदेश देंगे और अगले 25 सालों के लिए राज्य की विकास योजना की रूपरेखा पेश करेंगे.

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस कार्यक्रम का समय और स्थान दोनों ऐसे हैं कि प्रधानमंत्री के संदेश का असर सीमाओं के पार बिहार के मतदाताओं तक भी पहुंच सकता है. जहां अगले दिन लोग मतदान करने वाले होंगे और सभी पार्टी के नेताओं की बड़ी-बड़ी रैली नहीं हो सकेगी.

PM Modi Kedarnath Visit

केदारनाथ में पीएम मोदी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

केदारनाथ से देहरादून तक चुनावी सियासत का पैटर्न: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा कई मायनों में 2019 की याद दिलाता है. नवंबर 2019 में देश में लोकसभा चुनाव का माहौल था. इसी दौरान 18-19 मई को लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी पूजा पाठ करने केदारनाथ पहुंचे थे. जहां उन्होंने ध्यान गुफा में प्रवास भी किया था. वहीं से लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित भी किया था.

इतना ही नहीं साल 2021 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी पीएम केदारनाथ पहुंचे थे. जिसका वोटरों पर बड़ा असर भी दिखा था. साल 2021 का यह वही समय था, जब पीएम ने न केवल केदारनाथ में पूजा-अर्चना की थी. बल्कि, आदि शंकराचार्य की समाधि का उद्घाटन किया.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 130 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था. उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अगले 10 सालों में चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले 100 सालों से भी ज्यादा होगी.

क्या सोचते हैं विश्लेषक? राजनीतिक जानकार नरेंद्र सेठी कहते हैं कि वो दौरा तब भी चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने धार्मिक यात्रा के बहाने राजनीतिक संदेश देने का काम किया है.

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उस समय कहा था कि केदारनाथ यात्रा बीजेपी की मार्केटिंग का हिस्सा है. हालांकि, बीजेपी ने इसे पूरी तरह धार्मिक और विकासोन्मुख दौरा बताया था. अब पीएम मोदी का देहरादून दौरा उसी क्रम का अगला अध्याय माना जा रहा है.

बिहार सभी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. खास बात ये है कि पहले पीएम के दौरे की तारीख ठीक मतदान वाले दिन रखी गई थी, लेकिन अभी जानकारी ये है कि बिहार में जिस दिन सभी पार्टी का चुनाव प्रचार थमेगा. उसी दिन पीएम देहरादून से जनता को संबोधित करेंगे और इसका असर ना केवल उत्तराखंड बल्कि, बिहार तक पहुंचेगा.

PM Modi Kedarnath Visit

आदि शंकराचार्य की मूर्ति के सामने पीएम मोदी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

रजत जयंती के बहाने विकास का एजेंडा: उत्तराखंड सरकार ने 1 नवंबर से 11 नवंबर तक ‘उत्तराखंड @25’ नाम से राज्यव्यापी कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है. इसके तहत हर जिले में विकास कार्यों की प्रदर्शनी जनसंवाद और सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे.

आगामी 11 नवंबर को देहरादून में मुख्य समारोह होगा. हालांकि, अभी तक यह कार्यक्रम 11 को इसलिए होना था. क्योंकि, पीएम मोद 11 को ही देहरादून आने वाले थे, लेकिन बीजेपी नेताओं की मानें तो पीएम मोदी अब 9 नवंबर को ही देहरादून आ रहे हैं. ऐसे में हो सकता है कि बड़ा आयोजन 11 को न होकर 9 नवंबर को हो जाए.

सीएम धामी की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी समारोह में राज्य की नई विकास योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं. इनमें पर्यटन, कनेक्टिविटी और औद्योगिक निवेश से जुड़ी परियोजनाएं शामिल होंगी. पीएम मोदी अपने संबोधन में उत्तराखंड को विकसित राज्यों की पहली पंक्ति में लाने का संकल्प दोहराने वाले हैं.

PM Modi Kedarnath Visit

केदारनाथ ध्यान गुफा में साधना में लीन पीएम मोदी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का होगा. आने वाले 25 सालों में राज्य देश के विकास में नई ऊंचाइयां छुएगा. ऐसे में रजत जयंती समारोह उनके उस वादे का मंच बन सकता है, जो वो 2021 से लगातार दोहरा रहे हैं.

विकास को धर्म से जोड़ने की भावना, राजनीतिक मायने भी गहरे: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी की मानें तो मोदी के भाषण का प्रभाव केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं रहेगा. बिहार में उसके अगले दिन मतदान का दौर चल रहा होगा. ऐसे में प्रधानमंत्री का भाषण टीवी और सोशल मीडिया के जरिए वहां तक पहुंचेगा.

बीजेपी के लिए यह एक रणनीति है, जहां धार्मिक बात करके कुछ भी बीजेपी चुनावी राज्य तक पहुंचा सकती है. क्योंकि, आचार संहिता के दौरान चुनावी राज्य में तमाम सभाओं पर चुनाव आयोग का थोड़ा बहुत डंडा तो रहता ही है.

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