देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब जल्द ही पंचायत को निर्वाचित प्रतिनिधि मिलने जा रहे हैं. दरअसल शासन ने निर्वाचित प्रतिनिधियों की शपथ ग्रहण का दिन तय कर दिया है. जिसके साथ ही राज्य में 12 जिलों के पंचायत प्रतिनिधि अपनी नई जिम्मेदारी संभाल सकेंगे.
पिछले करीब एक महीने से पंचायतों के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज रही हैं. राज्य के 12 जिलों में विभिन्न पदों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया गया है. त्रिस्तरीय पंचायतों के परिणाम घोषित होने के बाद अब नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के शपथग्रहण की तैयारी की जा रही है. जिससे राज्य के इन 12 जिलों की पंचायत विधिपत रूप से आगे काम कर सकें.
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने संदर्भ में राज्य के सभी 12 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर पंचायतों के गठन, शपथ ग्रहण और पहली बैठक की तिथि से जुड़ा आदेश जारी किया है. इस दौरान जिलाधिकारियों को दी गई तय तिथियो के अनुसार आगे कार्यवाही करने के लिए कहा गया है.
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग तारीख तय की गई है. इसमें ग्राम पंचायत प्रधान और सदस्य के लिए 27 अगस्त को शपथ ग्रहण करवाया जाएगा. इसके अलावा उनकी पहली बैठक 28 अगस्त को करवाना तय किया गया है. उधर सदस्य क्षेत्र पंचायत के अलावा क्षेत्र पंचायत के दूसरे पदाधिकारी के लिए 29 अगस्त को शपथ ग्रहण करवाना तय हुआ है. उनकी पहली बैठक 30 अगस्त को होगी. इसी तरह से जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए 1 सितंबर को शपथ ग्रहण करवाया जाएगा. जिला पंचायत की पहली बैठक 2 सितंबर को होनी तय की गई है.
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इस बार काफी विवादों में रहे. हाई कोर्ट के तमाम निर्देशों के साथ ही राजनीतिक रूप से भी इस चुनाव में काफी हंगामा रहा है. तमाम अड़चनों के बीच आखिरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कर लिए गए हैं. अब पंचायतों के विधिवत रूप से काम करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण और पहली बैठक का सभी को इंतजार है.
खास बात यह है कि इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपने तय समय से काफी देरी से हुए हैं. इस बार बाकायदा पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाना पड़ा है यही नहीं प्रशासक के रूप में भी जिलाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तिथियां तय करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराया.
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