धीरज सिंह सजवाण
देहरादून: उत्तरकाशी में कार्यरत स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की मौत को लेकर परिवारजनों के कई अनसुलझे सवाल अभी भी बने हुए हैं. पत्रकार राजीव की पत्नी मुस्कान ने सीबीआई जांच की मांग की है. 18 सितंबर को उत्तरकाशी में कार्यरत स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप अचानक लापता हो गए थे. गुमशुदा होने के 10 दिन बाद 28 सितंबर को उनकी शव जोशियाड़ा बैराज से मिला था. पोस्टमॉर्मट रिपोर्ट एक्सीडेंटल डेथ की गवाही दे रही है, लेकिन परिवार के लोगों के मन में कई ऐसे सवाल हैं, जिनका अब तक उत्तर नहीं मिल पाया है.
ईटीवी भारत से बातचीत से स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की पत्नी मुस्कान ने बताया कि उनके पति उत्तरकाशी में कार्यरत थे और लगातार भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले मामलों पर रिपोर्टिंग करते थे. उन्होंने हाल ही में उत्तरकाशी में कुछ ऐसे अस्पतालों पर रिपोर्टिंग की थी, जहां पर व्यवस्थाएं बदहाल थीं. इसके अलावा और भी कई विषयों पर वह लगातार ग्राउंड रिपोर्ट करते रहते थे. लेकिन पिछले एक सप्ताह से वह काफी परेशान चल रहे थे.
पत्रकार राजीव प्रताप की पत्नी मुस्कान ने उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग की. (VIDEO-ETV Bharat)
पिछले कुछ दिनों से लगातार राजीव को धमकियां मिल रही थीं. हालांकि, परिवार परेशान न हो इसलिए राजीव ने हमको धमकियां देने वालों के बारे में नहीं बताया. उल्टा वो कहते थे कि पत्रकारों को ऐसी धमकियां मिलती रहती हैं.
– मुस्कान, राजीव प्रताप सिंह की पत्नी –
मुस्कान ने राजीव के साथ हुई आखिरी बातचीत के बारे में बताया कि,
18 सितंबर को राजीव से वीडियो कॉल पर बातचीत की थी. इस दौरान वa अपने साथियों के साथ थे. लेट काफी हो चुका था, इसलिए मैंने कहा कि वो समय से उत्तरकाशी में मौजूद अपने कमरे पर चले जाएं. इसके बाद राजीव से कोई बातचीत नहीं हुई. अगले दिन जब राजीव से बातचीत नहीं हुई तो मैंने उन्हीं लोगों से बातचीत की जिनके साथ राजीव आखिरी रात मौजूद थे.
उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है।
इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं।
BJP राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है। जो सच… pic.twitter.com/NkKlBswsWA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2025
मुस्कान बताती हैं कि, पहले तो उनके साथियों ने मामले में बिल्कुल अनजान होने की बात कही. लेकिन बाद में उनके पति के एक साथी जो कि पुलिसकर्मी है, उन्होंने स्वीकारा कि उनकी गाड़ी लेकर पत्रकार राजीव घर से निकले थे.
मुस्कान के सवाल हैं कि-
राजीव के जो साथी थे, उन्होंने अपनी गाड़ी उनके पति को क्यों दी? जबकि राजीव को ठीक से कार चलानी आती भी नहीं थी. ऐसे में राजीव अपने दोस्त से कार क्यों मांग कर ले गए? इतना ही नहीं, पूरे एक दिन कार वापस न आने पर भी उनके साथी द्वारा किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, यह भी एक बड़ा सवाल है.
मुस्कान का कहना है कि अगले दिन जब खोजबीन की गई तो पता लगा कि एक गाड़ी नदी किनारे दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में पाई गई है और यह वही गाड़ी थी जिसको लेकर पत्रकार राजीव गए थे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार श्री राजीव प्रताप जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएँ प्रकट करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने घटना की गहन एवं निष्पक्ष जाँच के भी निर्देश दिए…
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) September 28, 2025
मुस्कान बताती हैं कि राजीव के दोस्तों की स्थिति बेहद संदिग्ध है और उनके द्वारा राजीव के गुमशुदा होने के दौरान भी कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आई थी, न ही कोई सहयोग मिला था. मुस्कान ने यह भी सवाल उठाया कि 10 दिन बाद मिले शव की स्थिति से कुछ और ही प्रतीत होता है. बरामद शव एक सप्ताह तक नदी में रहने वाले शव की स्थिति जैसा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके मन में कई ऐसे अनसुलझे और अनुचित सवाल हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है.
CBI जांच की मांग: मुस्कान का कहना है कि उनके पति लगातार जनहित के मुद्दों पर अपनी बात रखते थे और लगातार ऐसे मामलों को उजागर कर उनके कई दुश्मन भी बन रहे थे. ऐसे में इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि उनकी मौत के पीछे किसी तरह का कोई षड्यंत्र नहीं हो. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो और उनकी सरकार से यह अपील है कि इस मामले में यदि कोई दोषी है तो उसको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.
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