तेल अवीव: एक कहावत है ‘घर का भेदी लंका ढाए’ कुछ ऐसा ही मामला इजराइल में सामने आया है. इजराइली अभियोजकों ने एक शख्स को इजराइल की खुफिया जानकारी ईरानी एजेंट को देने के आरोप में पकड़ा है. उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया है.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार इजराइली अभियोजकों ने रिशोन लीजियन के एक निवासी के खिलाफ युद्ध के दौरान एक ईरानी एजेंट की सहायता करने के आरोप में अभियोग दायर किया. 30 वर्षीय डेनिस लियाखोव पर लोद के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक विदेशी एजेंट से संपर्क करने और संघर्ष के दौरान दुश्मन को खुफिया जानकारी मुहैया कराने का आरोप लगाया गया.
अभियोक्ता असफ हरलोफ्स्की द्वारा दायर अभियोग के अनुसार लियाखोव ने टेलीग्राम पर एक ईरानी ऑपरेटिव के साथ संपर्क स्थापित किया. बाद में उसने इजराइल के अंदर की जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा. इसके ऐवज में डिजिटल भुगतान किया गया.
अभियोग में कहा गया है कि लियाखोव ने इजराइल लौटने से पहले लातविया में रहते हुए ईरानी एजेंट के लिए काम करना शुरू किया था. एक मामले में उसे पेटा टिकवा में एक खास सड़क और आवासीय इमारतों को फिल्माने और फुटेज और जियोलोकेशन को टेलीग्राम के जरिए एजेंट के साथ साझा करने का निर्देश दिया गया था.
हालाँकि उसने कथित तौर पर गलत स्थान को फिल्माया फिर भी उसे अपने डिजिटल वॉलेट में भुगतान प्राप्त हुआ. दूसरे मामले में एजेंट ने लियाखोव को नेतन्या में एक कार डीलरशिप पर जाने, सात वाहनों की कीमतों के बारे में पूछताछ करने और यात्रा को रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया.
हालाँकि दोनों ने कथित तौर पर एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. हालांकि लियाखोव ने काम पूरा नहीं किया, लेकिन फिर भी उसे भुगतान किया गया. अभियोजकों ने अनुरोध किया कि लियाखोव को उसके मुकदमे के नतीजे तक हिरासत में रखा जाए.
इजरायल ने 13 जून को ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले किए जिसमें खुफिया जानकारी का हवाला दिया गया कि तेहरान परमाणु हथियारों की खोज में काफी प्रगति कर चुका है. साथ ही इजराइली रक्षा अधिकारियों ने ये भी कहा कि ईरान ने यूरेनियम को तेजी से समृद्ध करने और परमाणु बम बनाने की क्षमता विकसित कर ली. कहा गया कि उसके पास 15 हथियारों के लिए पर्याप्त एटमी सामग्री जुटा लिया.
इजराइली खुफिया एजेंसियों ने परमाणु उपकरण के सभी घटकों को पूरा करने के लिए एक गुप्त कार्यक्रम का भी खुलासा किया. अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ईरान की व्यापक रणनीति का एक नाटकीय विस्तार है. इसमें परमाणु विकास, मिसाइल प्रसार और इजरायल के विनाश के उद्देश्य से छद्म युद्ध को शामिल किया गया. अमेरिका द्वारा मध्यस्थता की गई युद्ध विराम संधि मंगलवार को प्रभावी हुई. 12 दिनों की लड़ाई के दौरान, ईरानी मिसाइल हमलों में 28 इजरायली मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हुए.