Homeउत्तराखण्ड न्यूजINS विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच पीएम मोदी ने मनाई दीवाली, बोले-...

INS विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच पीएम मोदी ने मनाई दीवाली, बोले- आपरेशन सिंदूर में पाक की उड़ाई थी नींद


INS विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच पीएम मोदी मना रहे दीवाली (ANI)

पणजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार रोशनी का पर्व दीपावली 2025 आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ मनाई. उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सेना के जवानों के संग दीवाली मनाकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. पीएम मोदी ने गोवा और कारवार के तट पर आईएनएस विक्रांत पर बहादुर सशस्त्र बल कर्मियों को मिठाई भी खिलाई.

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत फैल गई थी. ऐसी है इसकी ताकत -एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. यही है INS विक्रांत की ताकत. इस अवसर पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं.

पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए आईएनएस विक्रांत क्षमताओं की भी सराहना की और बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अरब सागर में इसकी तैनाती पाकिस्तान में ‘डर’ फैलाने के लिए पर्याप्त थी. प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के साहस को भी सलाम किया, जिसने पाकिस्तान को ‘रिकॉर्ड समय में घुटनों’ पर ला दिया. उन्होंने कहा कि कुछ ही महीने पहले, हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम ने ही पूरे पाकिस्तान में डर की लहरें फैला दीं. इसकी ताकत ऐसी है – एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. यही आईएनएस विक्रांत की ताकत है. इस अवसर पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं.

प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाने के लिए गोवा और कारवार के तट पर INS विक्रांत का दौरा किया और सैनिकों के साथ त्योहार मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा. उन्होंने कहा कि INS विक्रांत के साथ, भारतीय नौसेना ने औपनिवेशिक विरासत के सबसे महान प्रतीकों में से एक को विदाई दी. उन्होंने आगे कहा कि INS विक्रांत आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का प्रतीक है.

उन्होंने आगे कहा कि मुझे याद है, जब INS विक्रांत राष्ट्र को सौंपा जा रहा था, तो मैंने कहा था कि विक्रांत विशाल है, अपार है और शानदार है. विक्रांत अद्वितीय और विशेष है. यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है; यह 21वीं सदी में भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, क्षमता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. जिस दिन भारत को स्वदेशी INS विक्रांत प्राप्त हुआ, उसी दिन हमारी भारतीय नौसेना ने औपनिवेशिक अधीनता के एक प्रमुख प्रतीक को त्याग दिया. छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर, हमारी नौसेना ने एक नया ध्वज अपनाया.

उन्होंने कहा कि हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है. मुझे भी अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने की आदत है, इसलिए मैं आप सबके बीच, जिन्हें मैं अपना परिवार मानता हूं, दिवाली मनाने आया हूं. मैं यहां अपने परिवार के साथ अच्छा समय भी बिता रहा हूं. यह दिवाली मेरे लिए वाकई खास है.

उन्होंने कहा कि मैं कल से आपके साथ हूं. मैंने हर पल कुछ ना कुछ सीखा है. पीएम ने आगे कहा कि सागर की गहरी रात और आज सुबह के सूर्योदय ने मेरी दिवाली को कई मायनों में खास बना दिया है. आईएनएस विक्रांत के डेक से, मैं देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं. सबसे महत्वपूर्ण बात, आपके परिवारों को भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि तुम्हारे करीब रहकर, तुम्हारी सांसों को महसूस करके, तुम्हारी धड़कनों को महसूस करके, और तुम्हारी आंखों में चमक देखकर, मुझे कुछ गहरा एहसास हुआ. कल मैं थोड़ा जल्दी सो गया, जो मैं आमतौर पर नहीं करता. मैं जल्दी इसलिए सोया क्योंकि सारा दिन तुम्हें देखने के बाद, मुझे जो संतुष्टि का एहसास हुआ, वह मेरी अपनी नींद नहीं, बल्कि संतोष की नींद थी.

पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सैन्य साजो-सामान की ताकत देख रहा था. ये बड़े-बड़े जहाज, हवा से भी तेज चलने वाले विमान, ये पनडुब्बियां, ये अपने आप में प्रभावशाली हैं, लेकिन इन्हें असली ताकतवर बनाने वाला है इन्हें चलाने वालों का साहस. ये जहाज भले ही लोहे के बने हों, लेकिन जब आप इन पर सवार होते हैं, तो ये सशस्त्र सेनाओं की जीवंत, साँस लेती हुई शक्तियाँ बन जाते हैं. मैं कल से आपके साथ हूं. हर पल, मैंने कुछ न कुछ सीखा है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली से विदा लेते समय मैंने सोचा था कि मैं इस पल को खुद जीऊंगा. लेकिन आपकी मेहनत, तपस्या और समर्पण इतने ऊंचे स्तर पर हैं कि मैं इसे सही मायने में जी नहीं पाया. हालांकि, मुझे इसकी समझ जरूर मिली. मैं बस कल्पना कर सकता हूं कि इस जीवन को सही मायने में जीना कितना मुश्किल होगा.

एक नजर