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उत्तराखंड में बच्चों से लेकर बुजुर्गों में तेजी से फैल रहा वायरल, लापरवाही से हो सकता है आई फ्लू


रोहित कुमार सोनी

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. पहले बारिश का होना, फिर चटक धूप निकलने से लोग वायरल फ्लू समेत अन्य बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण की तरह ही यह वायरस फ्लू भी तेजी से लोगों में फैल रही है. जिसके चलते लोग बुखार, सर्दी, खांसी जुकाम से परेशान हैं.

आलम ये है कि अस्पतालों में इस इस वायरल फ्लू की चपेट में आए मरीजों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में इस वायरल बीमारी से बचने के क्या उपाय हैं? कैसे बदलते मौसम के बीच अपना ख्याल रखना है, उसकी जानकारी से आपको रूबरू करवाते हैं. इसके साथ ही डॉक्टरों की सलाह और राय भी जानते हैं.

मानसून की विदाई के बाद भी उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम विज्ञान केंद्र ने 5 से 7 अक्टूबर तक तमाम हिस्सों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. पिछले कुछ दिन पहले हुई बारिश के बाद तापमान में कमी देखी गई तो वहीं अब चटक धूप खिलने की वजह से तापमान में इजाफा हुआ है. ऐसे में लगातार बदल रहे मौसम का असर अब लोगों पर पड़ता दिखाई दे रहा है.

लोग मौसमी बीमारियों से जूझने के साथ ही इन दिनों वायरल बीमारी लोगों को काफी ज्यादा परेशान कर रही है. क्योंकि, मौसमी बीमारी के अलावा वायरल फ्लू लोगों को काफी प्रभावित कर रही है. जो अब तेजी से फैल रही है, जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी तेजी से बढ़ती जा रही है.

अस्पताल में उमड़ी मरीजों की भीड़ (फोटो- ETV Bharat)

ठीक होने में लग रहा एक हफ्ते का समय: तेजी से फैल रहे यह वायरल बीमारी बच्चों से लेकर युवा, अधेड़ और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रहा है. आलम ये है कि इस वायरल बीमारी की वजह से लोगों में तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी जुकाम और सर्दी की समस्याएं हो रही हैं. इतना ही नहीं ये वायरल फ्लू ठीक होने में लगभग एक हफ्ते का समय ले रहा है.

इसके अलावा ये वायरल फ्लू कोरोना संक्रमण की तरह ही तेजी से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है. जिसके चलते डॉक्टर लोगों को तमाम सावधानियां बरतने की बात कह रहे हैं. साथ ही इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी जुकाम और सर्दी जैसी समस्याएं होने पर खुद से कोई दवा ना लें. बल्कि, डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाइयों का सेवन करें.

Viral Fever in Dehradun

मरीजों की जांच करते डॉक्टर (फोटो- ETV Bharat)

खुद से दवाई खरीदकर न खाएं: वहीं, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अंकुर पांडेय ने कहा कि हर साल जब मौसम बदलता है, तब वायरल फीवर के मामले सामने आते हैं. वायरल फीवर के मुख्य लक्षणों में नजला, जुकाम, गले में दर्द और बुखार हैं. ऐसे में मरीजों को इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि वो सेल्फ मेडिकेशन ना करें. पिछले साल डॉक्टर के परामर्श पर ली गई दवाइयां का इस्तेमाल न करें.

वायरल फीवर एक वायरस से होने वाली बीमारी है, जिसमें एंटीबायोटिक का कोई रोल नहीं है. ऐसे में सेल्फ मेडिकेशन के तहत एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चिकित्सीय परामर्श के आधार पर ही दवाइयां का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा खुद से ही खून की जांच भी नहीं करानी चाहिए.“- डॉ. अंकुर पांडेय, फिजिशियन, दून अस्पताल

वायरल फ्लू से कैसे करें बचाव? वहीं, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉ. विजय भंडारी ने बताया कि आजकल ओपीडी में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द से पीड़ित मरीज काफी ज्यादा संख्या में आ रहे हैं. ऐसे में लगातार बदल रहे मौसम के बीच ठंडी चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

ठंडी जगह पर बैठने के बाद अचानक गर्म जगह पर जाने या फिर गर्म जगह से ठंडी जगह पर जाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा अब सुबह-शाम ठंडा होने लगा है. ऐसे में उसी अनुसार कपड़े पहनने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनकी ओपीडी में हर 100 मरीजों में से 40 से 50 मरीजों में वायरल की समस्या देखी जा रही है.

Viral Fever in Dehradun

दवा की पर्ची लिखते डॉक्टर (फोटो- ETV Bharat)

वायरल की वजह से आई फ्लू होने की भी संभावना बढ़ी: तेजी से फैल रहे वायरल फ्लू की वजह से आई फ्लू होने की भी संभावना बनी हुई है. जिसके सवाल पर आई रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज सारस्वत ने कहा कि मौसम बदलने की वजह से लोगों को वायरल फ्लू होती है. ऐसे में अगर सावधानियां नहीं बढ़ती जाती हैं तो फिर ये वायरल फ्लू आंखों तक भी पहुंच जाती है. जिससे आई फ्लू होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में आई फ्लू से बचने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

Viral Fever in Dehradun

आंखं की जांच करते डॉक्टर (फोटो- ETV Bharat)

“अगर घर में किसी व्यक्ति को वायरल फ्लू है तो फिर जरूरी है कि वायरल फ्लू संक्रमित व्यक्ति से घर के दूसरे सदस्य दूर रहें. साथ ही उसके इस्तेमाल किए गए सामानों का दूसरे लोग इस्तेमाल न करें. इसके साथ ही बिना हाथ हुए आंखों को न छुएं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को आंखों में लालिमापन, जलन या फिर धुंधलापन महसूस होता है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.“- डॉ. नीरज सारस्वत, आई रोग विशेषज्ञ, दून अस्पताल

बच्चों में दिख रहे ये लक्षण, अपने बच्चों को रखें हाइड्रेट: वहीं, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि मौसम बदलने की वजह से 100 में से करीब 90 बच्चे वायरल फ्लू के शिकार हैं. जिसमें सर्दी, खांसी, बुखार, आंखों से पानी आना जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. साथ ही कहा कि इस वायरल फ्लू की वजह से बच्चों को 7 से 10 दिन तक बुखार आ रहे हैं.

Viral Fever in Dehradun

इलाज के लिए पहुंचे मरीज (फोटो- ETV Bharat)

वायरल फ्लू की वजह से बच्चों के पेरेंट्स काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं. कुछ दिन में ही अलग-अलग डॉक्टरों से परामर्श लेने लग जाते हैं. जबकि, लोगों को ये समझने की जरूरत है कि वायरल फ्लू में कोई भी दवा काम नहीं करती है. ऐसे में लोगों को चाहिए कि वो अपने बच्चों को हाइड्रेट रखें. क्योंकि, बुखार होने पर बच्चों के शरीर से पानी की कमी होती है.”- डॉ. अशोक कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ, दून अस्पताल

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