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उत्तराखंड के गांव-गांव में पर्यटन का नया सवेरा! केंद्र से मिलेगी मदद, चमकेंगे ट्राइबल एरियाज


देहरादून: मॉनसून सत्र चल रहा है. 21 जुलाई से शुरू हुए मॉनसूत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष लगातार पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप के युद्धविराम के दावों जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है. ऐसे में पिछले तीन दिन में कुछ ही समय के लिए चले सेशन में राज्यों के विकास से जुड़े कुछ ही महत्वपूर्ण विषयों पर सवाल जवाब हुए. उन्हीं में उत्तराखंड होम स्टे का विषय भी लोकसभा में उठा. जिसे सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उठाया.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में होम स्टे के विषय को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया फेसबुक और एक्स अकाउंट के जरिए पोस्ट कर दी. जिसको उन्होंने ‘गांव-गांव में पर्यटन का नया सवेरा’ शीर्षक देकर साझा किया है.

सांसद त्रिवेंद्र ने लिखा, उन्होंने मॉनसून सत्र के दौरान उत्तराखंड की रीढ़ ‘होम स्टे’ की सुविधाओं को बढ़ावा देने के विषय को प्रमुखता से उठाया. जिसके जवाब केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने लिखित उत्तर में दिया. जवाब में बताया गया कि, ट्राइबल एरिया (आदिवासी क्षेत्र) में पर्यटन (टूरिज्म) और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेशों के 5 से 6 गांवों के समूह में प्रति गांव 5 से 10 होम स्टे विकसित किए जाएंगे, जिसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक की सहायता दी जाएगी.

आगे बताया कि, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम (पीएम-टीएवी) अभियान के अंतर्गत देशभर में एक हजार होम स्टे विकसित होंगे, जिसके चलते हमारे पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड के चकराता (देहरादून), उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ जैसे जनजातीय क्षेत्रों (ट्राइबल एरिया) को विशेष लाभ मिलेगा. इसके साथ ही ‘अतुल्य भारत बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना’ के जरिए गुणवत्तापूर्ण सेवाएं, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण, डिजिटल बुकिंग की सुविधा और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

क्या है होम स्टे योजना: दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना की शुरुआत साल 2018 में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुई थी. इसमें पहाड़ी इलाकों में बने लकड़ी और मिट्टी को घरों को आकर्षक रूप देकर पर्यटकों के लिए निवास स्थल तैयार किए गए. इससे पहाड़ के लोगों को काफी लाभ भी मिल रहा है. उनकी आय में बढ़ोतरी के साथ रोजगार के साधन भी बढ़े हैं.

वहीं देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को पहाड़ की खूबसूरत वादियों के बीच बने घरों में ठहरने, पहाड़ की संस्कृति को समझने और पहचानने और पहाड़ के लोगों की मेहमाननवाजी का आनंद मिलता है. होम स्टे योजना के तहत सरकार मैदानी और पहाड़ी इलाकों में होम स्टे बनाने के लिए सब्सिडी भी देती है.

होमस्टे बुकिंग पोर्टल: खास बात है कि सरकार के पर्यटन विभाग ने राज्य प्रायोजित होमस्टे बुकिंग पोर्टल भी लॉन्च किया है. इसके तहत पर्यटक http://uttarastays.com वेबसाइट पर जाकर अपने बजट और लोकेशन के अनुसार होमस्टे बुक करा सकते हैं.

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