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देवरानी-जेठानी के हाथों में 'गांव की सरकार', दोनों का निर्विरोध चुना जाना तय, पहले सास-बहू का था 'राज'


बेरीनाग: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के कारण इन दिनों राजनीति माहौल गर्म है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में काफी जोश देखा जा रहा है. नामांकन करने के बाद प्रत्याशी चुनाव-प्रचार में जुटे हैं. वहीं कुछ गांव ऐसे हैं, जिन्होंने पंचायत चुनाव में मिसाल भी कायम की है और अपने गांव के प्रधान को निर्विरोध चुना है. ऐसे ही एक गांव पिथौरागढ़ के बेरीनाग खंड में पड़ता है, जहां से ग्रामीणों ने जेठानी-देवरानी को ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए निर्विरोध चुना है.

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग विकासखंड से करीब दस किमी दूर रीठा रैतौली गांव पड़ता है. ग्रामीणों ने बिना वोटिंग करें ही अपना ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनने का निर्णय लिया है. यही कारण है कि पूरे गांव ने सर्वसम्मति से एक ही परिवार की छोटी बहू को ग्राम प्रधान और बड़ी बहू को क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध चुनने का फैसला लिया है. फिलहाल दोनों का निर्विरोध चुना जाना तय है.

देवरानी-जेठानी के हाथों में ‘गांव की सरकार’ (Reetha Raitauli villagers)

देवरानी-जेठानी की सरकार: रीठा रैतौली गांव के बुजुर्ग बाला दत्त धारियाल के छोटे पुत्र प्रमोद धारियाल की पत्नी निशा धारियाल ने ग्राम प्रधान और बड़े पुत्र उमेश धारियाल की पत्नी जानकी धारियाल ने क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नामांकन किया है. गांव में से किसी ने भी दोनों के खिलाफ कोई नामांकन नहीं किया है. इसीलिए दोनों का निर्विरोध चुना जाना तय है. निशा और जानकी आपस में देवरानी और जेठानी हैं.

Berinag Pithoragarh

ग्रामीणों ने देवरानी-जेठानी को निर्विरोध चुनने का फैसला लिया है. (ETV Bharat)

800 के करीब है गांव की जनसख्या: रीठा रैतौली ग्राम पंचायत की जनसंख्या लगभग 800 है. इससे पूर्व में निशा धारियाल ग्राम प्रधान रहीं. ग्रामीणों ने दूसरी बार भी निशा पर भरोसा जताया है. साल 1980 से 2003 तक निशा और जानकी के सुसर बाला दत्त धारियाल लगातार यहां पर ग्राम प्रधान रहे.

साल 2003 में सास-बहू की जोड़ी ने थामी कमान: वर्ष 2003 में बाला दत्त धारियाल की पत्नी अम्बिका धारियाल ग्राम प्रधान और बहू जानकी धारियाल क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनी गईं. एक परिवार के सास, ससुर, देवरानी और जेठानी सभी पंचायत के पदों में रह चुके हैं.

Berinag Pithoragarh

गांव की सेवा में देवरानी-जेठानी की जोड़ी. (ETV Bharat)

गांव की सेवा में हमेशा खड़ा रहता ये परिवार: ग्रामीण बताते हैं कि ये परिवार अधिकांश कार्य खुद अपने निजी संसाधन से करते हैं. कई बार गांव में आपसी विवाद और लड़ाई झगड़े को पुलिस में जाने के बजाय आपसी निर्णय से समाधान करते हैं. एक दशक पूर्व में इनके गांव में सड़क, स्कूल की व्यवस्था नहीं थी. आज 10वीं तक स्कूल होने के साथ ही ये गांव सड़क मार्ग से भी जुड़ा है. ग्रामीण प्रमोद धारियाल और पूर्व सैनिक भूपाल सिंह भंडारी बताते हैं कि आज गांव में कोई भी परेशानी होती है तो ये परिवार हमेशा खड़ा रहता है.

दो दशक पूर्व में सास-बहू की भी रही सरकार: रीठा रैतौली गांव में वर्ष 2023 में अम्बिका धारियाल ग्राम प्रधान और जानकी धारियाल क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनी गई थीं. अम्बिका और जानकी आपस में सास-बहू हैं. तब गांव में सास बहू की सरकार कहकर चर्चा थी. वहीं अब देवरानी-जेठानी की सरकार बनकर एक बार फिर सुखियों में है.

रीठा रैतौली के ग्रामीणों ने आज पूरे प्रदेश में एक मिसाल कायम की है. यह परिवार हमेशा ग्रामीणों के सुख दुःख में साथ खड़ा रहता है. यह हमारे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. सरकार को इस तरह के पंचायतों का गठन करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए.

-रेखा भंडारी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बेरीनाग-

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