चेन्नई: तमिलनाडु में मंदिर गार्ड अजीत कुमार की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर अभिनेता से नेता बने विजय ने सरकार पर बड़ा हमला किया. उनके नेतृत्व में विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया. इस मुद्दे को लेकर राज्य में सियासी बवाल मचा है. हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं. वहीं, सरकार ने भी मामले को सीबीआई को सौंद दिया है.
शिवगंगा जिले के थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन में पुलिस द्वारा हमला किए जाने के बाद मंदिर गार्ड अजित कुमार की मृत्यु की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इसी सिलसिले में आज चेन्नई में तमिलनाडु विक्ट्री पार्टी के नेता विजय के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन लॉकअप में हुई मौत की निंदा की गई और हत्या के लिए न्याय की मांग की गई.
टीवीके नेता विजय ने मुख्यमंत्री स्टालिन से डीएमके शासन के दौरान पुलिस पूछताछ में मारे गए 24 लोगों के परिवारों से माफी मांगने का आग्रह किया है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता मृतक अजित कुमार के परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं और संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. इसी सिलसिले में टीवीके नेता विजय ने अजित कुमार के घर गए और उनके परिवार को आर्थिक मदद की पेशकश की.
विजय ने एक बैठक में कहा, ‘थिरुप्पुवनम अजित कुमार एक साधारण परिवार का युवक है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने पुलिस स्टेशन में उसकी मौत के लिए माफी मांगी. इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन उससे जुड़ी डीएमके सरकार में पुलिस स्टेशन में जांच के नाम पर 24 लोगों की हत्या कर दी गई. आपने उनके परिवार वालों से माफी क्यों नहीं मांगी? उनसे भी माफी मांगिए. आप सिर्फ माफी ही मांग सकते हैं. कम से कम इतना तो कीजिए.’
विजय ने कहा, ‘पिछली सरकार में जब पुलिस द्वारा मारे गए लोगों का मामला सीबीआई को सौंपा गया था तो आपने विपक्ष के नेता के तौर पर इसकी निंदा की थी. क्या तमिलनाडु पुलिस अक्षम है? आप किसे धोखा देने के लिए सीबीआई को मामला सौंप रहे हैं? आपने तत्कालीन शासकों की आलोचना करते हुए कहा था. लेकिन, अब जो पुलिस हत्याएं हो रही है उनकी जांच राज्य पुलिस से करवाने के बजाय आप सीबीआई को क्यों सौंप रहे हैं? क्या आपके पास इसका कोई जवाब है? बिल्कुल नहीं.’
उन्होंने आगे कहा,’मुख्यमंत्री को उन 24 लोगों के परिवारों को भी राहत देनी चाहिए जो अब तक पुलिस थानों में जांच के नाम पर मर चुके हैं.’ उन्होंने पूछा, ‘उन्हें न्याय मिलना ही चाहिए. अगर तमिलनाडु में सभी आपराधिक घटनाओं का समाधान अदालतों के हस्तक्षेप से ही हो सकता है, तो आप सत्ता में क्यों हैं?’