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जुलाई में नए बीजेपी अध्यक्ष का ऐलान संभव, इन दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में


नई दिल्ली: बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर चर्चा फिर से जोर शोर से शुरू हो गई है. अध्यक्ष पद के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं. कुछ प्रमुख संभावित उम्मीदवार के नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर शामिल हैं.

धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री और ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान को एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है. उनकी संगठनात्मक क्षमता और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका की वजह से उन्हें इस दौड़ में आगे रखा जा रहा है. साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और संघ दोनों से ही उनके संबंध भी सामान्य हैं.

भूपेंद्र यादव: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम भी प्रमुखता से चर्चा में है. राजस्थान से आने वाले यादव को संघ का करीबी माना जाता है, और उनकी शांत और रणनीतिक कार्यशैली पार्टी के लिए फायदेमंद भी रही है. साथ ही उन्हें संगठन का भी काफी लंबा अनुभव है, और पार्टी ने कई राज्यों में उन्हें चुनाव प्रभार भी दिया था.

शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और संगठन में गहरी पकड़ उन्हें भी एक मजबूत दावेदार बना रही है. मगर सूत्रों का मानना है कि उनके नाम पर मुहर तभी लग पाएगी जब संघ की तरफ से दबाव डाले जाएगा.

मनोहर लाल खट्टर: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम भी बीजेपी अध्यक्ष की रेस में शुरू से ही रहा है. हालांकि बीच में सूत्रों से ये भी खबर आई थी कि खट्टर ने उम्र की वजह से अपनी तबीयत का हवाला देते हुए ऐसे किसी पद को लेने से मना किया. मगर इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं हुई.

ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट. (ETV Bharat)

इसके अलावा, सूत्रों की मानें तो पार्टी इस संभावना पर भी चर्चा कर रही है कि बीजेपी पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकती है, जिससे संगठन में एक नया संदेश जाए. पार्टी का कोर वोटर वर्तमान में महिलाओं का वोट बैंक ही है, इसलिए पार्टी मुख्य पदों पर भी महिलाओं को आगे लाना चाह रही है.

जुलाई में हो सकता है नए अध्यक्ष का ऐलान
सूत्रों की मानें तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा जुलाई 2025 में होने की संभावना है, क्योंकि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है. पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव लगभग अंतिम चरण में हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली में होने वाली प्रांत प्रचारकों की बैठक में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है. इस बैठक के बाद बीजेपी राष्ट्रीय परिषद की मुहर के साथ नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और आरएसएस के बीच नए अध्यक्ष के चयन को लेकर सहमति फिलहाल नहीं बन पाई है. सूत्रों के अनुसार, दोनों संगठन किसी एक नाम पर पूरी तरह सहमत नहीं हो पा रहे हैं. संघ अपनी वैचारिक दृष्टि और दीर्घकालिक रणनीति को ध्यान में रखते हुए ऐसे नेता को प्राथमिकता देना चाहता है, जो संगठन की जड़ों को मजबूत करे और हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाए. वहीं, बीजेपी शीर्ष नेतृत्व, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं, एक ऐसे नेता की तलाश में हैं जो सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सके.

संघ की 4-6 जुलाई की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होने की संभावना है. यह बैठक न केवल नए बीजेपी अध्यक्ष के चयन पर केंद्रित होगी, बल्कि संघ की शताब्दी समारोह की तैयारियों और संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा पर भी ध्यान देगी.

पार्टी की भविष्य की रणनीति और क्षेत्रीय संतुलन
बीजेपी के लिए नया अध्यक्ष चुनना केवल एक संगठनात्मक निर्णय नहीं है, बल्कि यह पार्टी की भविष्य की रणनीति और क्षेत्रीय संतुलन को भी प्रभावित करेगा. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद पार्टी गठबंधन सहयोगियों पर अधिक निर्भर है, जिसके चलते नए अध्यक्ष को गठबंधन की राजनीति और संगठनात्मक एकता दोनों को संभालना होगा. इसके अलावा, विपक्ष खासकर कांग्रेस, बीजेपी और संघ पर लगातार हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बीजेपी-आरएसएस पर अंग्रेजी शिक्षा को हतोत्साहित करने और गरीबों के अवसरों को सीमित करने का आरोप लगाया है, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्म है.

बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, यह सवाल न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं, बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है. जुलाई 2025 में होने वाली संघ की बैठक और उसके बाद बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की मुहर इस सस्पेंस को खत्म कर सकती है. धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और शिवराज सिंह चौहान जैसे नामों के साथ कुछ अप्रत्याशित चेहरों की संभावना भी बनी हुई है. बीजेपी और संघ के बीच समन्वय इस प्रक्रिया में निर्णायक होगा.

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