वन महकमे में बदलने जा रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां (PHOTO- ETV Bharat)
देहरादून: उत्तराखंड वन मुख्यालय में जिम्मेदारियां का स्वरूप बदलने जा रहा है. खास बात यह है कि इस बार सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां नए चेहरों को देने की तैयारी हो रही है. इससे भी बड़ी बात यह है कि जिन्हें भी यह जिम्मेदारी दी जाएगी, वह दोहरी तैनाती के साथ मुख्यालय में बेहद ताकतवर स्थिति में दिखाई देंगे.
सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक में एक बार फिर भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी पर चर्चा की गई. वैसे तो सिविल सर्विस बोर्ड की यह बैठक, विभाग में कई जिम्मेदारियों को लेकर होनी थी. लेकिन फिलहाल विभाग के सबसे सीनियर अफसर पर निर्णय लिया गया. भवानी प्रकाश गुप्ता (बीपी गुप्ता) जो की 1992 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं, और हाल ही में हुई डीपीसी के दौरान वो हॉफ बनने से चूक गए थे.
वन महकमे में बदलने जा रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां (PHOTO-ETV Bharat)
राज्य सरकार ने विभाग में सीनियरिटी के लिहाज से नंबर दो पर मौजूद रंजन कुमार मिश्र को प्रमुख वन संरक्षक ‘हॉफ’ पद पर पदोन्नत किया था. रंजन कुमार मिश्र 1993 बैच के आईएफएस अधिकारी है. जाहिर है कि प्रमुख वन संरक्षक ‘हॉफ’ रंजन कुमार मिश्र के बनने के बाद उनसे सीनियर बीपी गुप्ता का विभाग में बने रहना मुमकिन नहीं था. लिहाजा, शासन ने सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक के जरिए उनके पास ‘हॉफ’ के आधीन प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन के पद से उन्हें दूसरी जिम्मेदारी देना ही मुनासिब समझा.
सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक में बीपी गुप्ता को बायोडायवर्सिटी की जिम्मेदारी दिए जाने की जानकारी है. हालांकि, उनके पास मौजूद वन पंचायत और प्रशासन की जिम्मेदारी पर अभी चर्चा नहीं हो पाने की भी जानकारी है.
वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि, अभी फिलहाल इस पर होमवर्क चल रहा है और विभिन्न पदों पर रिक्तियां होने के कारण जल्द ही सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक बुलाकर इन पदों पर नई जिम्मेदारियां दी जाएगी.
कई पदों पर दोहरे चार्ज की स्थिति: दरअसल, उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक ‘हॉफ’ के पद पर रंजन कुमार मिश्र के आने के बाद कई पदों पर दोहरे चार्ज की स्थिति बन गई है. बड़ी बात यह है कि वन मुख्यालय में यह वह पद है, जो विभाग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इन पर तैनाती देना बेहद जरूरी है.
इन पदों पर नए चेहरों की तलाश: फिलहाल बीपी गुप्ता को बायोडायवर्सिटी में नई जिम्मेदारी मिलने की स्थिति में वन पंचायत और प्रशासन की जिम्मेदारी रिक्त होने जा रही है, जिस पर किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी दिया जाना बाकी है. इसी तरह पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ जैसा महत्वपूर्ण पद भी रंजन कुमार मिश्र के पास ही बना हुआ है. इस पर भी किसी सीनियर अधिकारी को जिम्मेदारी दी जानी है. इसी तरह कैंपा की जिम्मेदारी भी देखा जाए तो खाली है और इस पर भी कोई नया चेहरा लाया जाएगा.
बोर्ड बैठक में लिया जाएगा अधिकारियों की जिम्मेदारी पर निर्णय: महत्वपूर्ण यह भी है कि अभी वन विभाग के अंतर्गत मुख्यालय में तैनात सीनियर अधिकारियों के पास एक से ज्यादा जिम्मेदारियां बनी हुई हैं और अधिकतर अधिकारी ऐसे हैं जो दोहरे या तीन चार्ज लिए हुए हैं. ऐसी स्थिति में एक बार फिर सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक के लिए होमवर्क किया जा रहा है, जिसमें बड़े स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली जाएगी.
उधर, दूसरी तरफ वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में वन प्रभागों में भी बड़े स्तर पर बदलाव किया जा रहा है. इसमें सभी डिवीजन को एक समान बनाने के प्रयास विभाग की तरफ से किए जा रहे हैं, जिसके लिए फिलहाल होमवर्क हो रहा है.

