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इधर CM धामी ने दी पेपर लीक की CBI जांच की संस्तुति, उधर त्रिवेंद्र के घर फूटे पटाखे और बंटी मिठाई


देहरादून: सोमवार को जैसे ही पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति दी, वैसे ही पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर जश्न जैसा माहौल देखने को मिला. त्रिवेंद्र रावत ने मौके को भुनाते हुए कहा कि सरकार ने उनकी बात को माना है, इसके लिए सरकार धन्यवाद की पात्र है.

फैसला धामी का मिठाई बंटी त्रिवेंद्र के घर: उत्तराखंड में पेपर लीक और बेरोजगार युवाओं के आंदोलन के मामले में जमकर सियासत देखने को मिल रही है. एक तरफ जहां उत्तराखंड की धामी सरकार ने तकरीबन 8 दिन से धरने पर बैठे बेरोजगार युवा संगठनों के सामने हार मानते हुए सीबीआई जांच की संस्तुति दे दी है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा जैसे ही सीबीआई जांच की मंजूरी दी गई, ठीक उसी समय पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के घर ढोल बाजे बजने लगे. त्रिवेंद्र रावत की जय जयकार होने लगी और देहरादून डिफेंस कॉलोनी स्थित पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर खूब आतिशबाजी की जाने लगी और जमकर जश्न मनाया गया.

त्रिवेंद्र रावत ने बताया खुशी का कारण: पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच की संस्तुति उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दी गई. लेकिन लोगों का जमावड़ा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर लगने लगा. ऐसे में त्रिवेंद्र रावत के घर जब लोगों की भीड़ उमड़ी और मीडिया को उसकी जानकारी लगी, तो मीडिया भी त्रिवेंद्र रावत के घर पहुंची और उनसे पूछा कि आखिर उनकी इस खुशी के पीछे क्या कारण है.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि-

उत्तराखंड सरकार द्वारा पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मंजूरी दी गई है. इसके लिए वह उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बहुत आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा तीन दिन पहले ही पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच को लेकर समर्थन दिया गया था. अब सरकार ने उनके इस सुझाव को स्वीकार किया है. यह बेहद खुशी की बात है.
-त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद-

त्रिवेंद्र ने खुद को बताया युवाओं का हितैषी: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने खुद को उत्तराखंड के युवाओं का हितैषी बताते हुए कहा कि युवाओं का यह आंदोलन केवल परीक्षा देने वाले युवाओं तक सीमित नहीं रह गया था बल्कि इसमें उत्तराखंड के आम जनमानस अपना सहयोग देने लगे थे. उन्होंने कहा कि युवा और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि हम इस आंदोलन में बच्चों को भी शामिल होते देख रहे थे. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हमें जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और युवा वैसे भी हमारा भविष्य हैं. उन्होंने कहा कि इसीलिए मैंने कहा था कि इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए और मुख्यमंत्री ने उनके इस सुझाव को माना है, इसके लिए वह मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं.

जिहाद और सनातन विरोध का आरोप ठुकराया: जिहाद और सनातन विरोध के आरोप पर त्रिवेंद्र ने लिया युवाओं का पक्ष: देहरादून परेड ग्राउंड में पिछले आठ दिनों से चल रहे बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को लेकर तमाम तरह के आप भी लगाए गए थे. जिसमें जिहाद, सनातन विरोध और राष्ट्र विरोध जैसे संगीन आरोप सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से आंदोलनकारी युवाओं पर लगाए जा रहे थे. इनमें से कई आरोप उत्तराखंड में भाजपा के लोगों द्वारा आंदोलनकारियों पर लगाए जा रहे थे.

इस पर त्रिवेंद्र रावत ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि-

आंदोलन पर बैठे हमारे सभी उत्तराखंड के अपने बच्चे हैं और उन्होंने इस बात को विशेष तौर पर कहा है कि उत्तराखंड के किसी भी बच्चे पर सनातन विरोध, राष्ट्र विरोध और पर्यावरण विरोधी होने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है. चाहे राष्ट्र सेवा हो या फिर सनातन की सेवा हो या फिर पर्यावरण की सेवा हो उत्तराखंड इन सभी कार्यों में सबसे आगे खड़ा है और देश के किसी भी व्यक्ति को इन तीनों विषयों पर उत्तराखंड के किसी भी व्यक्ति द्वारा शक की निगाह से नहीं देखा जा सकता है.
-त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद-

युवा भावना में बोल देते हैं: वहीं इसके अलावा आंदोलन के दौरान युवाओं द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर उन्होंने कहा कि युवा हमेशा भावनाओं में रहता है. कई बार शब्द उसके नहीं होते हैं और वह भावना में जाकर इधर-उधर की बातें कर लेते हैं. लेकिन यह इसका स्थाई स्वभाव नहीं होता है. वह सभी हमारे बच्चे हैं और उनके साथ हमें अपने बच्चों की तरह व्यवहार करना चाहिए.

सीबीआई जांच से नहीं होती है परीक्षा बाधित: सीबीआई जांच को लेकर अब तक परीक्षाओं के लटकने की जो बात कही जा रही थी, उस पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह बेहद हास्यास्पद है. ऐसा नहीं होता है कि सीबीआई जांच हो रही है तो सभी परीक्षाएं लटक जाएंगी. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच एक पार्टिकुलर विषय पर हो रही है उसकी जांच की जाएगी. उसके दायरे में जो लोग आएंगे, उन पर जांच की जाएगी. यह जांच सरकार चाहे तो बेहद तेज गति से हो सकती है. ऐसा नहीं होता है कि बच्चों का भविष्य ज्यादा लंबे समय तक अधर में लटक रहे. उन्होंने कहा कि सरकारी यदि समय सीमा तय करे तो जल्द से जल्द जांच को पूरा किया जा सकता है. जांच के बाद वापस छात्रों का भरोसा आयोग पर लाया जा सकता है.
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