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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों में गोलाबारी की.
अफगान सुरक्षा बल (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team
Published : October 15, 2025 at 1:36 PM IST
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इस्लामाबाद: स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बुधवार तड़के पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी सेनाओं के बीच सीमा पार भीषण झड़पें हुई. दोनों ओर से नागरिकों के हताहत होने की खबरें आई. अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अफगानिस्तान के कंधार प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र के बीच एक प्रमुख सीमावर्ती जिले स्पिन बोल्डक में सुबह लगभग 4 बजे भीषण गोलीबारी शुरू हो गई.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों पर गोलाबारी की. इससे कई नागरिक अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए. स्पिन बोल्डक जिले के सूचना अधिकारी अली मोहम्मद हकमल ने मीडिया को पुष्टि की कि अफगान और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच बुधवार तड़के झड़पें शुरू हुई और हल्के व भारी, दोनों तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया.
कंधार के निवासियों ने सोशल मीडिया पर यह आरोप भी लगाया कि पाकिस्तान ने इलाके में नागरिकों के घरों को निशाना बनाकर भारी हथियारों से हमले किए हैं. यह झड़प मंगलवार रात खोस्त प्रांत में सीमा के पास एक संक्षिप्त टकराव के बाद हुई है, जहाँ अफगान सेना और पाकिस्तानी सीमा रक्षकों के बीच डूरंड नदी के किनारे गोलीबारी हुई थी.
खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच बीती रात एक बार फिर लड़ाई शुरू हो गई. अफगान तालिबान और फितना अल-खवारिज ने कुर्रम में अकारण गोलीबारी की. पाकिस्तानी सेना ने भी इसका जवाब दिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान शासन की चौकियों को भारी नुकसान पहुँचा है और उनके एक टैंक में आग लग गई. इससे तालिबान लड़ाके अपनी जगह छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए. पाकिस्तानी सेना के इस अभियान में अफगान तालिबान के एक बड़े कमांडर के मारे जाने की खबर है.
ये झड़पें अफगान तालिबान बलों द्वारा सप्ताहांत में पाक-अफगान सीमा पर स्थित सैन्य चौकियों पर किए गए अकारण हमले के बाद हुई. इसे पाकिस्तान ने अकारण हमला बताया है. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि 200 से अधिक तालिबान और उससे जुड़े लड़ाके मारे गए.
अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने दावा किया है कि यह हमला एक जवाबी कार्रवाई थी. इस्लामाबाद पर पिछले हफ्ते अफगानिस्तान की सीमा में हवाई हमले करने का आरोप लगाया. पाकिस्तान ने हमलों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसका कहना है कि काबुल को अपनी धरती पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को पनाह देना बंद करना चाहिए.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन दोनों ने इस्लामाबाद और काबुल के बीच बढ़ती शत्रुता को कम करने में सहायता की पेशकश की है, जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोनों देशों के बीच के माहौल को शत्रुतापूर्ण बताया.
जियो न्यूज पर आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच कोई संबंध नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘अभी गतिरोध की स्थिति है. आप कह सकते हैं कि कोई सक्रिय शत्रुता नहीं है, लेकिन माहौल शत्रुतापूर्ण है. उन्होंने आगे कहा, ‘आज तक, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, कोई संबंध नहीं है. झड़पें किसी भी समय फिर से शुरू हो सकती है.’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘हम इस आशंका से इनकार नहीं कर सकते, लेकिन शत्रुता में निश्चित रूप से शांति है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है, आसिफ ने कहा कि अगर अफगानिस्तान धमकी देते हुए बातचीत करना चाहता है तो उन्हें अपनी धमकियों पर अमल करना चाहिए. हम बाद में बातचीत करेंगे. रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘यह स्वाभाविक बात है. अगर आप पर हमला होता है तो आपको तुरंत प्रतिक्रिया देने और जहाँ से हमला हो रहा है वहाँ निशाना साधने का अधिकार है.’
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने मंगलवार को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव कम करने में मदद के लिए मध्यस्थता की पेशकश की. यह बात कुछ दिनों पहले सीमा पर हुई घातक झड़पों के बाद सामने आई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, रविवार को अफगान पक्ष की ओर से हुए हमले के बाद सीमा पर शुरू हुई लड़ाई में 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि 200 से अधिक तालिबान और उससे जुड़े आतंकवादी मारे गए.
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