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उत्तरकाशी: स्यानाचट्टी में फिर बनी झील, तेलगाड़ नदी उफान पर, खाली कराया गया हर्षिल बाजार और गांव


उत्तरकाशी: जिले में लगातार बारिश के कारण आम लोगों की समस्य दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. रविवार तो स्यानाचट्टी में एक बार दोबारा झील बन गई, तो वहीं देर शाम को धराली के बाद हर्षिल में तेलगाड़ नदी फिर उफान पर आई. दोनों जगहों पर आम लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया. धराली में देर शाम को तेलगाड़ नदी उफान पर आने से हर्षिल बाजार और गांव को खाली करवाया गया. वहीं फिर भागीरथी नदी के प्रवाह रुकने और झील का जलस्तर बढ़ने का खतरा बन गया है.

रविवार सुबह यमुना नदी के मुहाने पर कुपड़ा क्षेत्र से आने वाले गढ़गाड़ गदेरे से मलबा और बोल्डर फिर से आया. इस कारण यमुना नदी का जल प्रवाह बाधित हो गया. दोबारा झील का पानी बढ़ने लगा. हालांकि, यमुना नदी के एक छोर से पानी की निकासी हो रही है. बावजूद इसके अभी भी यहां खतरा कम नहीं हुआ है. नदी का बहाव यमुनोत्री हाईवे पर बने पुल से सिर्फ कुछ ही फीट नीचे है. लेकिन नदी के किनारे बने कुछ होटलों के निचले तल में अभी भी पानी भरा हुआ है.

स्यानाचट्टी निवासी जयपाल सिंह रावत, भगत सिंह राणा ने बताया है कि अभी भी गदेरे से मलबा और बोल्डर आने से यमुना का जल प्रवाह बाधित हो रहा है. उन्होंने कहा कि अभी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, क्योंकि कुपड़ा खड्ड लगातार डर पैदा कर रहा है. यहां पहले इस गदेरे को चैनलाइज किया जाए और यमुना नदी को भी चैनलाइज किया जाना चाहिए, ताकि बार-बार झील बनने की समस्या कम हो सके.

उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में फिर बनी झील (PHOTO-ETV Bharat)

सिंचाई विभाग के ईई पन्नी लाल ने कहा कि पोकलैंड मशीन द्वारा कुपड़ा खड्ड के मुहाने पर एकत्रित मलबा हटाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है. बीच में बड़ा बोल्डर आने की वजह से थोड़ा समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि वह डेढ़ माह से तीन पोकलैंड मशीनों को लगाकर चैनलाइजेशन कार्य कर रहे हैं, लेकिन मौसम के बीच बीच में बाधक बनने से दिक्कत हो रही है.

वहीं हर्षिल घाटी में दोपहर बाद हुई तेज बारिश के कारण अचानक तेलगाड़ नदी एक बार फिर उफान पर आने के कारण वहां पर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना. तेलगाड़ में पानी बढ़ने के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है. इसलिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा को देखते हुए वहां पर नदी के किनारे के होटलों और आवासीय भवनों समेत जीएमवीएन गेस्ट हाउस और पुलिस थाने को खाली करवा दिया है. वहीं अब धराली के बाद हर्षिल के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है. हर्षिल को पूर्व से भागीरथी नदी में बनी झील से खतरा बना हुआ था. वहीं अब तेलगाड़ धराली की खीरगंगा की तरह ही लोगों को डरा रही है.

जानकारी के अनुसार, दोपहर बाद पहले तेलगाड़ का जलस्तर बढ़ने पर उसका पानी गंगोत्री हाईवे पर जमा मलबे की ओर बहने लगा. उसके बाद दो से तीन बार दोबारा पानी के साथ मलबा आने के कारण आर्मी कैंप और भागीरथी नदी की ओर बह रहा है. वहीं वहां पर बोल्डरों की तेज आवाज आने के कारण भय का माहौल बना हुआ है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि धराली में खीर गंगा का मलबा लगातार आता रहा. लेकिन तेलगाड़ में मलबा और बोल्डर ऊपरी क्षेत्र में ही अटके हुए थे. वह अब दोबारा बह कर आने से वहां हर्षिल के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

वहीं मौसम विभाग द्वारा जारी बारिश के अलर्ट और सुरक्षा के दृष्टिगत हर्षिल में पुलिस द्वारा अनाउंसमेंट कर लोगों को नदी नालों के आस-पास न जाने और सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए सचेत किया जा रहा है.

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