देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड में इन दिनों पंचायत चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. इसी बीच धामी सरकार ने ढोंगी बाबाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि भी चलाया हुआ है. राज्य की हर राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधि पर बारीक नजर रखने वाले पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इन मुद्दों के साथ ही गैरसैंण स्थाई राजधानी के मुद्दे पर भी ईटीवी भारत के साथ खुलकर अपनी बात रखी. पेश है हरीश रावत का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.
हरीश रावत का इंटरव्यू: उत्तराखंड में इन दिनों ऑपरेशन कालनेमि चल रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब हरीश रावत से इस ऑपरेशन के बारे में पूछा तो उन्होंने बीजेपी पर आक्रामक रुख अपनाया. हरीश रावत ने कहा कि-
कालनेमि संस्कृति भाजपा की है. आज जो माहौल बना है, उसकी वजह यह है कि भाजपा ने लोगों को अत्यधिक धर्मभीरु बना दिया. डरा दिया है. लोगों के मन में इन्होंने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि उनका कोई भी मानसिक शोषण कर ले रहा है. ऐसे में जो स्वाभाविक स्थितियां थीं, भाजपा ने उसको बदला है. भाजपा ने लोगों के अंदर जो धर्मांधता पैदा की है, ये उसी का परिणाम है. राज्य के अंदर ऐसे लोग आ रहे हैं, जो यहां के लोगों का शोषण करना चाहते हैं. इसलिए अब इन्होंने कालनेमि कहा. लेकिन ये नाम भाजपा पर सूट करता है. हालांकि ऐसे लोग पकड़े जाने चाहिए.-हरीश रावत, पूर्व सीएम-
ऑपरेशन कालनेमि में 194 लोग भेजे जा चुके हैं जेल: गौरतलब है कि ऑपरेशन कालनेमि में अब तक उत्तराखंड में 1500 संदिग्ध लोगों से पूछताछ हो चुकी है. 223 संदिग्ध लोगों को जिन्होंने बाबा या तंत्र-मंत्र करने वाले सपेरों का भेष धरा था, गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इनमें देहरादून से 111, हरिद्वार से 45 और ऊधम सिंह नगर से 66 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. देहरादून से एक बांग्लादेशी नागरिक भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
हरीश रावत ने कहा बीजेपी ने लोगों को धर्मभीरु बना दिया है (Photo- ETV Bharat)
इन दिनों उत्तराखंड में ये मुद्दे चर्चा में हैं: इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं. दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियां 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में भी जुटी हुई हैं. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक बयान इन दिनों काफी चर्चाओं का विषय बना हुआ है. जिसमें हरीश रावत ने इस बात को कहा है कि साल 2027 में अगर प्रदेश की जनता कांग्रेस को चुनाव जिताती है, तो ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाएगा. हरदा का यह बयान इस वक्त इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि वर्तमान समय में जहां पंचायत चुनाव चल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर धामी सरकार गैरसैंण में मानसून सत्र कराने जा रही है. गैरसैंण के भरासैंण विधानसभा भवन में 19 से 22 अगस्त तक विधानसभा का मानसून सत्र होने जा रहा है.
हरीश रावत का ये बयान है वायरल: राज्य सरकार की ओर से गैरसैंण में मानसून सत्र कराए जाने के निर्णय के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर स्थाई राजधानी का मामला चर्चाओं में आ गया है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. हरीश रावत पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि वो 2027 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि समय-समय पर हरीश रावत किसी न किसी विषय को लेकर एक शिगूफा छोड़ते रहते हैं. ऐसे में हरीश रावत ने एक बार फिर इस बात को कहा है कि अगर साल 2027 में कांग्रेस की सरकार आती है, तो गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बनाया जाएगा.

हरीश रावत ने गैरसैंण स्थाई राजधानी मुद्दे पर भी स्टैंड रखा (Photo- ETV Bharat)
कांग्रेस सत्ता में आएगी तो गैरसैंण राजधानी बनेगी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने पहले जो बयान दिया था, वह बयान इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाना घोषित बात है. साथ ही कहा कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था, उस दौरान कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ये कहा था कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाएगी.
हमने स्थाई राजधानी के लिए ही भराड़ीसैंण में विधानसभा बनाई: हालांकि, कांग्रेस पहले से ही गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के इरादे से काम रही है. इसीलिए वहां पर विधानसभा भवन समेत अन्य चीजों का निर्माण किया. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड को अगर अपनी समस्याओं का समाधान करना है, जिसमें पलायन से लेकर, बेरोजगारी समेत जो तमाम समस्याएं उत्तराखंड को घेर रही हैं, साथ ही असंतुलित विकास का असमंजस वाला राज्य हो रहा है, जिसका एक ही निदान है कि एक स्वस्थ सोच के आधार पर गैरसैंण को राजधानी बनाएं. साथ ही उत्तराखंडियत को अपनी जीवन पद्धति और राज्य के संचालन का मूल मंत्र मानकर चलें.
जब राज्य तहस-नहस हुआ तब मुझे सीएम बनाया गया: हरीश रावत से जब ये पूछा गया कि खुद मुख्यमंत्री रहते हुए गैरसैंण को राजधानी क्यों नहीं बनाया? इस सवाल के जवाब में हरदा ने कहा कि-
मुझे राजधानी बनाने के लिए उत्तराखंड के लोगों ने कभी बहुमत नहीं दिया. मैं साल 2014 में मुख्यमंत्री तब बना, जब राज्य के अंदर भीषण आपदा आ गई थी. राज्य तहस नहस हो गया था. सारी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई थी. ऐसे में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे जितना समय मिला, उसमें मैंने काम किया. अपने कार्यकाल के दौरान मैंने पुनर्निर्माण और पुनर्वास का काम किया जो सबसे महत्वपूर्ण था. उस समय राज्य बिखर गया था. लोगों के जीवन पर असर पड़ रहा था. उस दौरान प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी बहुत नीचे चली गयी थी. कुल मिलाकर प्रदेश की स्थिति काफी अधिक खराब हो गई थी. उस दौरान मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया. ऐसे में मैंने और मेरी सरकार ने पुनर्निर्माण और पुनर्वास की दिशा में काम किया.-हरीश रावत, पूर्व सीएम-
जनता ने गैरसैंण राजधानी के नाम पर हमें वोट नहीं दिए: हरीश रावत ने कहा कि सीएम रहते हुए मैंने उत्तराखंड को लेकर कुछ पहल भी शुरू कीं, ताकि जिस सोच को लेकर राज्य का गठन किया गया, उस सोच को लाया जाए. इसके चलते ही गैरसैंण में विधानसभा भवन का निर्माण कराया गया. गैरसैंण में सचिवालय समेत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पैसा दिया गया. हमारी सोच ये थी कि अगर राजधानी एक जगह स्थापित रहे, तो उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए न्यूनतम सुविधाएं पैदा करनी पड़ेंगी. यही वजह है कि साल 2017 में हमने जनता से इस बात को कहा था कि उन्हें अवसर दो, वो साल 2020 तक गैरसैंण में सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर बना देंगे. साल 2022 तक राजधानी की शिफ्टिंग कर देंगे. लेकिन जनता ने वोट नहीं दिया. ऐसे में जिस दिन लोग गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए वोट देंगे, उस काम को कांग्रेस सरकार करेगी.

हरीश रावत ने कहा 2017 में लोगों ने हमें गैरसैंण स्थाई राजधानी मुद्दे पर वोट नहीं दिया (Photo- ETV Bharat)
हमारे बनाए विधानसभा भवन में बीजेपी सरकार कराती है सत्र: गैरसैंण में चार दिवसीय मानसून सत्र कराए जाने पर हरदा ने कहा कि टोकनिज्म (प्रतीकवाद) से काम नहीं चलेगा. गैरसैंण में सत्र तो बहुत करवा लिए. सरकार एक दिन का सत्र करवाएगी, फिर वापस भाग आएगी. हालांकि, सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी कहा है तो ग्रीष्मकालीन राजधानी तो वहां ले जाओ. गैरसैंण में कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करके वहां बैठो. पिछले 9 सालों के भीतर भाजपा के लोगों ने गैरसैंण में एक ईट भी नहीं लगाई है. हरीश रावत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे बने हुए विधानसभा भवन में सत्र करके तुम समझते हो कि गंगा नहा लेंगे.
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