देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ने वाली है. जल्द ही हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate) का शिकंजा कसने वाला है. ईडी ने इस बार सहसपुर जमीन प्रकरण में हरक सिंह और उनके करीबियों की घेराबंदी की है. आरोप है कि हरक सिंह ने जमीन अपने नाम कराने के लिए आपराधिक साजिश थी, जिसके लिए ईडी ने एक अभियोजन शिकायत दायर की है.
बता दें कि ईडी लंबे से हरक सिंह रावत के सहसपुर जमीन खरीद मामले की जांच कर ही थी. इस मामले में ईडी कई बार हरक सिंह रावत से पूछताछ भी कर चुकी है. पहले भी ये मामला काफी चर्चाओं में आया था, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई थी. हालांकि अब ईडी ने हरक सिंह रावत के जमीन खरीद मामले को लेकर विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन शिकायत दायर की.
बीजेपी सरकार भी करा चुकी है जांच: सहसपुर में जमीन खरीद का यह मामला कई साल पुराना है. पहले भाजपा सरकार ने भी इस मामले की जांच करवाई थी, हालांकि तब इसमें कुछ नहीं हो पाया था, लेकिन अब एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट इस प्रकरण पर कानूनी कार्रवाई करता हुआ दिखाई दे रहा है.हरक सिंह रावत जमीन केस, ईडी ने कोर्ट ने दर्ज की शिकायत, आरोपी-पत्र की जल्द हो सकता है दाखिल
प्रवर्तन निदेशालय देहरादून ने धन शोधन निवारण 2002 के प्रावधानों के तहत वीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के मामले में वीरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की है.
इस मामले में पूर्व में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई थी. जांच के दौरान यह पता चला कि दीप्ति रावत पत्नी हरक सिंह रावत, लक्ष्मी राणा, वीरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत और स्वर्गीय सुशीला रानी समेत अन्य व्यक्तियों द्वारा रची गई साजिश के परिणाम स्वरूप जमीन को अपने नाम पर पंजीकृत करवाया.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी 2025 में एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसमें लगभग 6.56 करोड़ रुपए की 101 बीघा जमीन को कुर्क किया गया था. इसके बाद से ही ईडी इस पर कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा था.
प्रकरण पर हरक सिंह रावत से पूछताछ भी की गई है, जबकि इससे संबंधित बाकी लोगों से भी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पूछताछ कर चुके हैं. इस मामले में हरक सिंह रावत भी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के सामने अपने दस्तावेज रख चुके हैं. हालांकि मामले में जांच के बाद अब विशेष न्यायालय में अभियोजन शिकायत कर दी गई है. जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय जल्द आरोप पत्र भी दाखिल कर सकता है.
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