पौड़ी गढ़वाल: जनपद पौड़ी में लगातार हो रही भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जगहों पर सड़कों के बाधित होने से यातायात प्रभावित है. अलकनंदा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. हालात को देखते हुए प्रशासन सतर्क मोड में है. गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने पहले ही सभी मंडलीय अधिकारियों को अलर्ट रहने और जनता की हर समस्या पर तुरंत संज्ञान लेने के निर्देश दिए थे.
लोगों के फोन कॉल नहीं उठा रहे अफसर: उन्होंने स्पष्ट कहा था कि आपदा की स्थिति में ग्रामीणों की सूचना सबसे अहम होती है. इसलिए सभी अधिकारी अपने मोबाइल फोन चार्ज रखकर जनता की कॉल रिसीव करें. यदि किसी कारण कॉल रिसीव न हो पाए, तो तुरंत कॉल बैक करना अनिवार्य है. लेकिन आयुक्त को यह शिकायत मिली कि कुछ अधिकारी जनता की कॉल तक नहीं उठा रहे. इसकी पुष्टि करने के लिए आयुक्त ने स्वयं पौड़ी में अधिकारियों को कॉल कर जांच की.
गढ़वाल कमिश्नर ने किया रियलिटी चेक: इस दौरान यह साफ हुआ कि कुछ अधिकारी वास्तव में फोन रिसीव नहीं कर रहे थे. इस पर नाराज़गी जताते हुए आयुक्त ने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि आपदा की इस घड़ी में किसी भी हाल में जनता की कॉल को नजरअंदाज न किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अधिकारी जनता की कॉल रिसीव करने या कॉल बैक करने में लापरवाही बरतते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जनता की समस्या को गंभीरता से लेने का आदेश: गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय मंगलवार को पौड़ी पहुंचे तो उन्होंने आपदा के समय प्रशासन की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों को अलर्ट और सतर्क रहने के सख्त निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने जनता की शिकायतों पर भी गंभीरता से संज्ञान लिया. दरअसल, हाल ही में आयुक्त को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि ज़िले के अधिकारी जनता के फोन नहीं उठाते. जनता की परेशानी और नाराज़गी को देखते हुए उन्होंने मौके पर ही इसकी हकीकत परखने का फैसला किया.
वन रेंजर ने नहीं उठाया कमिश्नर का फोन: गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने वन विभाग के एक रेंजर को फोन किया. हैरानी की बात यह रही कि अधिकारी ने उनका कॉल तक रिसीव नहीं किया. इसके बाद जब आयुक्त ने दूसरे नंबर से कॉल किया, तो अधिकारी ने तुरंत फोन उठा लिया. इस पर आयुक्त का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कहा कि-
जनता किसी उम्मीद के साथ अधिकारी को फोन करती है. उसका कॉल रिसीव न करना बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया है. सभी अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी जाती है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आपदा जैसे हालात में जनता की हर समस्या का तुरंत समाधान किया जाए. प्रशासन की पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी जनता के साथ खड़ा रहना है.
-विनय शंकर पांडे, गढ़वाल कमिश्नर-
समस्याओं का समाधान पहली प्राथमिकता: गढ़वाल आयुक्त ने जनता से अपील की कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर बेझिझक प्रशासन से संपर्क करें. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की समस्याओं का समाधान उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
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