धराली, नवीन उनियाल: स्निफर डॉग्स और तमाम उपकरणों के बाद भी मलबे में शवों को निकाल पाना नामुमकिन सा हो रहा है. सेना और SDRF ने प्रशिक्षित डॉग्स की मदद से कई पॉइंट्स चिन्हित किए हैं, लेकिन दलदली जमीन और बड़े-बड़े बोल्डर के बीच यहां से मलबा निकाल पाना मुश्किल हो रहा है. उधर बड़ी चुनौती यह है कि करीब 30 से 40 फीट नीचे यदि कोई दबा भी है तो उस जगह को पक्के तौर पर ढूंढ पाना आसान नहीं है. शायद इसीलिए मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालना अब नामुमकिन सा हो रहा है.
धराली में भारी मालबे से आई आपदा को अब एक हफ्ता पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इतनी बड़ी आपदा में केवल कुछ एक शव ही ढूंढे जा सके हैं, जबकि उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने आज ही एक हफ्ते बाद 42 लोगों के गुमशुदा होने की सूची जारी कर दी है. हालांकि, आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है.
धराली, उत्तरकाशी में #UttarakhandPolice SDRF की टीमें मलबे में दबे ध्वस्त भवनों में लगातार सर्चिंग कर रही हैं। लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए आधुनिक उपकरणों और डॉग स्क्वाड की सहायता ली जा रही है। ड्रोन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर स्थितियों पर नजर रखी जा रही है pic.twitter.com/dEbE5YT1zi
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) August 9, 2025
खास बात यह है कि खीरगंगा से आया लाखों टन मलबा आज धराली बाजार के ऊपर पसरा हुआ है. एक पूरा बड़ा बाजार मलबे के नीचे है. जाहिर है कि जिस बाजार में 65 होटल 30 से ज्यादा रिजॉर्ट और होमस्टे समेत तमाम दुकानें मौजूद हो उसके ऊपर 25 से 30 फीट और कहीं-कहीं 40 फीट मलबा आने से सब कुछ जमींदोज हो चुका है.
🚨खोज व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर लगातार जारी..!
➡️ हर्षिल, धराली आपदा स्थल पर आपदा में मिसिंग लोगों की तलाशी हेतु उत्तराखंड पुलिस टीम द्वारा ड्रोन के माध्यम से संभावित स्थानों को चिन्हित करते हुए खोज अभियान जारी है। #UttarakhandPolice#searching#dharalirescue #Dharali pic.twitter.com/KcarNoSfAe
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) August 10, 2025
भारी तबाही के बीच राहत एवं बचाव कार्य तो पूरा हो चुका है, लेकिन, अब उससे भी कठिन सर्च ऑपरेशन करना दिखाई दे रहा है. लाखों टन मलबे के नीचे कई शवों के होने की उम्मीद है, लेकिन सेना और एसडीआरएफ भारी मशीनों और स्निफर डॉग्स की मदद से भी इन शवों को मलबे के नीचे नहीं ढूंढ पा रही हैं.
“मुसीबत चाहे जितनी बड़ी हो, हौंसला उससे बड़ा — हम हैं बचाव की हर सांस के साथ!” 🚁💪
हर्षिल-धराली आपदा स्थल पर जीवन बचाने की जंग जारी – उत्तराखंड पुलिस, SDRF , फायर सर्विस सहित अन्य सहायक एजेंसियों द्वारा मिलकर राहत व बचाव कार्यो में जुटे हैं। #DharaliRescue #Uttarakhand pic.twitter.com/v7171Jfstj
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) August 11, 2025
इस क्षेत्र में करीब 10 से ज्यादा जगह पर स्निफर डॉग मलबे के नीचे इंसानों के शव होने की तरफ इशारा कर चुके हैं. जब यहां पर गड्ढे खोदे जाते हैं तो शव बरामद नहीं हो पा रहे हैं. उधर इस जगह पर दलदली जमीन में गड्ढे खोदना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि एक तरफ यहां बड़ी भारी जेसीबी या पोकलैंड मशीन नहीं पहुंच पा रही है. दलदली जमीन होने के कारण भारी मशीन यहां नहीं पहुंचाई जा सकती है. खुद एसडीआरएफ और सेना के जवानो का यहां गड्ढे खोदने में मुश्किल हो रही है. साथ ही यहां बड़े-बड़े बोल्डर(पत्थर) भी हैं. जिन्हें बेलचे या फावड़े से निकालना मुमकिन नहीं है.
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