देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है. चुनाव प्रक्रिया के तहत नॉमिनेशन के बाद स्क्रूटनी की कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब निर्वाचन आयोग चुनाव प्रत्याशियों को चुनावी सिंबल देने जा रही है. खास बात ये है इस पंचायत चुनाव यानी ‘गांव की सरकार’ में कई बड़े नेता अपने उत्तराधिकारियों और सगे संबंधियों को ‘राजनीतिक सीढ़ियां’ चढ़ाने की कोशिश कर भी रहे हैं. ऐसे नेता चुनिंदा नहीं, बल्कि ढेर सारी हैं.
वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत का कहना है कि उत्तराखंड के कई सफेदपोश नेता इस पंचायत चुनाव के जरिए अपनी कुटुमदारी (सगे संबंधी) के भविष्य को संवारने में लगे हैं. वे अपने बेटे, भाई, बेटी, पत्नी, बहू, देवरानी, जेठानी, ननद, भाभी जैसे कई सगे संबंधियों को चुनाव लड़ा रहे हैं. उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि उन्हें मंत्री, विधायक, सांसद बनाने वाले कार्यकर्ताओं और पन्ना प्रमखों का क्या होगा? नेताओं को सिर्फ इस बात की चिंता है कि जिस प्रकार उन्होंने बहुत कम समय में 7 पीढ़ियों के लिए इकट्ठा कर लिया है, उसी विद्या से उनकी कुटुमदारी भी अगली 7 पीढ़ियों के लिए इकट्ठा करे.
इन नेताओं के सगे संबंधी लड़ रहे चुनाव:
- अभिषेक सिंह पुत्र प्रीतम सिंह
- रघु सजवाण और सोना सजवाण (पति पत्नी)
- रजनी भंडारी, भाजपा नेता राजेंद्र भंडारी की पत्नी
- मधु चौहान पत्नी भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान
- नीतू रावत पत्नी भाजपा विधायक दिलीप रावत
- सुनीता कुंजवाल पुत्रबधु कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल
- उमा बिष्ट संबंधी विधायक मदन बिष्ट
- विक्रम रावत पुत्र कांग्रेस नेता रंजीत रावत
पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के अलावा प्रधान पद के लिए लड़ने वाले कई प्रत्याशी, राजनेताओं से किसी किसी तरह जुड़े हुए हैं. इस तरह ये प्रत्याशी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की रेस में दौड़ रहे हैं.
वहीं राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इस बात को स्वीकार करने के लिए राजी ही नहीं है कि राजनीतिक दलों में आज भी भाई भतीजे वाद की जड़े गहरी हैं. भाजपा प्रवक्ता हनी पाठक का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है. एक चाय बनाने वाला जब प्रधानमंत्री बन सकता है तो यहां पर भाई भतीजे वाद की बात करना बेहद गलत है. बीजेपी लगातार सबका विकास सबके विश्वास में भरोसा रखती है.
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस शुरू से लेकर अब तक केवल एक ही परिवार की पार्टी है. देश में भाई भतीजे बात की सबसे बड़ी मिसाल नहीं है.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि भाजपा को कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. आज ज्यादातर जिलों में जिला पंचायत सीट पर विधायकों की पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं और ब्लॉक प्रमुख से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक भाजपा अपने लोगों को सेट करने में लगी हुई है.
ये भी पढ़ें: