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उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर संकट के बादल! हाईकोर्ट का आदेश बना मुसीबत, असमंजस्य में निर्वाचन आयोग


देहरादून: उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के एक फैसले ने राज्य निर्वाचन आयोग को मुश्किल में डाल दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने नई मुसीबत से बाहर निकलने के लिए शनिवार को बैठक भी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल सका. आइए आपको बताते है, राज्य निर्वाचन आयोग के सामने पंचायत चुनाव को लेकर कोई सी नहीं चुनौती खड़ी हो गई है.

दरअसल, पंचायत चुनाव में वोटर और प्रत्याशियों को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि कुछ वोटर और प्रत्याशी है, जिनका नाम निकाय और पंचायत दोनों ही लिस्ट में है. कई तो ऐसे है, जिन्होंने निकाय चुनाव में वोट में भी किया है. जबकि नियम अनुसार कोई भी व्यक्ति दो जगहों पर वोट नहीं कर सकता है. इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था.

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया था कि उन्होंने तमाम जिलाधिकारियों को सर्कुलर जारी किया था, जिसमें उन्होंने इस मामले डीएम की राय मांगी थी, लेकिन डीएम की तरफ से उन्हें अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. इसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के सर्कुलर पर रोक लगाते हुए साफ किया था कि एक व्यक्ति एक ही जगह से वोट व चुनाव लड़ सकता है. साथ ही कोर्ट का यह भी मानना है कि किसी उम्मीदवार व वोटर को वोट देने से वंचित नहीं किया जा सकता, यह उसका संवैधानिक अधिकार है.

अब राज्य निर्वाचन आयोग के सामने समस्या यहीं है कि वो उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन कैसे कराए. क्योंकि प्रत्याशियों के आवेदन निरस्त करने के साथ ही नाम वापसी भी तारीख भी निकल चुकी है. वहीं 14 जुलाई को प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह भी जारी होने है. इतने कम समय में ऐसे वोटर और प्रत्याशी के नाम का पता लगाना जिनका नाम निकाय और पंचायत दोनों लिस्ट में हो आसान नहीं है.

12 जुलाई को इस मसले पर राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक भी हुई थी, लेकिन आयोग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया. वैसे उम्मीद की जा रही है कि 13 जुलाई रविवार को भी राज्य निर्वाचन आयोग इस मामले पर फिर से बैठक करेंगा और कोई बीच का रास्ता निकालेगा, ताकि उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए पंचायत चुनाव कराए जा सके.

बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि जिन प्रत्याशियों का नाम निकाय और पंचायत दोनों की वोटर लिस्ट में है, उनका क्या होगा? इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों का चयन करना भी निर्वाचन आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी? वहीं इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने फोन पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल से भी बात की.

राज्य निर्वाचन आयोग को नैनीताल हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मिल चुकी है. हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन और विधिक परीक्षण कराया जा रहा है, ये कार्य पूरा होने के बाद आगे क्या कार्रवाई होनी है उस पर निर्णय लिया जाएगा.

-राहुल कुमार गोयल, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग-

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